पुणे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के अंतिम संस्कार पर विवाद शुरू हो गया है।कोरोना संक्रिमतोंकी मौत होने के बाद उनका परिवार शवछोड़कर भाग रहा है। इस परेशानी से बचने के लिएपुणे नगर निगम ने अलग-अलग धर्म के शवों के अंतिम संस्कार का जिम्मा उनसे संबंधित एनजीओ को सौंप दिया। हिंदू कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार का जिम्माएसए इंटरप्राइज को दिया है। जबकि मुस्लिम मरीज के शव को दफनाने का कामपॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) कोऔर ईसाई डेड बॉडीजका काम अल्फा के पासहै।लेकिन विपक्ष ने मुस्लिम एनजीओ को राष्ट्रविरोधी बताकर उसका विरोध शुरू कर दिया। परिवार वाले शव छोड़कर चले जाते हैं नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी कल्पना बलिंवत बताती हैं कि शवों के अंतिम संस्कार का काम इन संस्थाओं को देने के पीछे वजह यह थी किकोरोना से मरने वालों की लाशें परिवार वालेछोड़कर भाग जाते थे, फोन स्विच ऑफ कर देते थे।एनओसी देने के लिए भी अस्पताल नहीं आते थे। पूरा विभाग दिन-रात परिवार को मनाने में ही लगा रहता था। शहर में 25 रेड जोन,हजारों मरीज और दर्जनभर अस्पतालों की व्यवस्था को देखना आसान नहीं था। यही नहीं निजी अस्पताल व