
सरकारी विभागों में अफसरों ने जहां भ्रष्टाचार को लेकर कई तरह के कारनामे किए हैं, वहीं उनके कार्यकाल में किसानों की खून पसीने की कमाई अनाज खराब हो गया। यही नहीं कई जगह ऐसी शिकायतें भी हैं कि अनाज पूरा ही नहीं मिला। यानी मिलीभगत कर अनाज को खुर्द बुर्द कर दिया या बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया।
सबसे बड़ी बात यह है कि वर्ष 2016 तक के केस अभी तक पेंडिंग पड़े हैं। विभाग के एसीएस ने पहले क्लास-1 और क्लास-2 के अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 29 जुलाई को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है। ताकि आरोपी अफसरों पर शिकंजा कसा जा सके। इसके लिए विभाग के आला अधिकारी बैठक कर जल्द बड़ा निर्णय लेंगे। इनमें 32 क्लास-2 और एक अफसर क्लास-1 हैं।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि 32 क्लास-2 और एक क्लास-1 ऑफिसर पर चार्ज-7 के आरोप हैं। इनकी जांच के लिए 29 जुलाई को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है। बैठक में हर फाइल को लेकर मंथन होगा। कुछ अफसर रिटायर हो चुके हैं। इनमें अधिकांश डीएफएससी और डीएफएसओ हैं, जिन पर आरोप हैं। जांच के बाद आरोपी काे बख्शा नहीं जाएगा।
चार्ज-7 के तहत होगी कार्रवाई : अधिकारियों का कहना है कि जो 33 अफसर सरकार की राडार पर हैं, इनकी जांच पहले से चल रही है। फाइलें खंगालकर फाइनल रिपोर्ट तैयार हो रही है। इन पर चार्ज-7 के तहत कार्रवाई की जानी है। अधिकारियों पर जो आरोप लगे हैं, वे भी काफी गंभीर हैं। भ्रष्टाचार यदि हुआ है तो कितने करोड़ का हुआ है, यह जांच होगी। 29 जुलाई की बैठक में संबंधित विभाग के सभी आला अफसर बैठक में भाग लेंगे।
कितने का भ्रष्टाचार या गोलमाल, जांच जारी
फिलहाल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जिन 32 सेकेंड क्लास यानी डीएफएससी या डीएफएसओ की लिस्ट तैयार की है, उन अधिकारियों ने किस जिले में अपने कार्यकाल में कितना भ्रष्टाचार या गोलमाल किया है, इसकी कुंडली बन रही है। जो आरोप लगे हैं, उनकी फाइल भी विभाग के पास हैं और इन फाइलों को खंगाला जा रहा है। क्योंकि 29 जुलाई काे बैठक से पहले सभी तरह की जानकारी जुटाने को कहा गया है। जिन अफसरों की जांच होगी, उनमें क्लास-2 के 32 अधिकारी हैं, जबकि क्लास-1 का एक अधिकारी शामिल है।
कई अफसर हो चुके हैं रिटायर
इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 33 अफसरों में से कई तो रिटायर भी हो चुके हैं। उन पर भी कार्रवाई के लिए तैयारी चल रही है। हालांकि वर्ष 2016 के बाद इन पर किसी तरह कार्रवाई अफसरों की ओर से नहीं की गई। कई पेंडिंग केस हैं। क्योंकि राजनीतिक लोगाें के भी इनमें रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।
एक-एक अधिकारी की फाइल तलब
विभाग के एसीएस ने इन सभी 33 अफसरों की फाइलें मांगी हैं। जांच में किसी तरह की कमी रह गई है तो इसके लिए पूरी योजना बनाकर काम किया जाएगा। 29 जुलाई की बैठक से पहले विभाग में बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सरकार चाहती है कि विभाग में भ्रष्टाचार न रहे और लोगों को समय पर सभी तरह की सुविधाएं मिल सकें।
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