Skip to main content

ट्रम्प ने 51 दिन में 2.60 लाख शब्द बोले; 600 बार खुद की तारीफ, 360 बार दूसरों का श्रेय लिया, 110 बार आरोप लगाए

(जेरेमी डब्ल्यू पीटर्स, एलैना प्लॉट, मैगी हैबरमैन)अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बड़बोलेपन के लिए जाने जाते हैं। वे कोरोना को लेकर व्हाइट हाउस में ब्रीफिंग करते हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स के तीन पत्रकारों ने उनके हर शब्द का विश्लेषण किया है। 9 मार्च से लेकर अब तक वे 2.60 लाख शब्द बोल चुके हैं। इनमें सबसे 600 से ज्यादा बार उन्होंने कोरोना संकट पर अतिश्योक्ति और झूठे वादे करते हुए खुद की तारीफ की और बधाई दी। इनके अलावा दूसरों पर आरोप लगाने, दूसरों का श्रेय लेने जैसी बातें भी कीं।

13 घंटे के भाषण में 2 घंटे आरोप, 45 मिनट खुद की तारीफ, पीड़ितों को सिर्फ 4 मिनट
पिछले तीन हफ्तों में ट्रम्प ने करीब 13 घंटे का भाषण दिया। इस दौरान सबसे ज्यादा 2 घंटे दूसरों पर आरोप लगाने में बर्बाद हुए। इसके बाद सबसे ज्यादा 45 मिनट खुद की तारीफ में लगाए। आधा घंटा डेमोक्रेट्स को घेरने में लगाया, 25 मिनट मीडिया की बुराई की, 21 मिनट चीन पर हमले किए और करीब 22 मिनट गवर्नर्स की तारीफ और आलोचना को लेकर बात की। सबसे बड़ी और दुखद बात यह कि जिस कोरोनावायरस पर ट्रम्प ने ब्रीफिंग की, उसके पीड़ितों के बारे में सिर्फ साढ़े चार मिनट बात की।

जितनी सहानुभूति, उसकी चार गुना खुद की तारीफ

ट्रम्प ने खुद को कोरोना के महानायक के रूप में पेश किया। उन्होंने जितना पीड़ितों का जिक्र किया, उससे चार गुना ज्यादा खुद की तारीफ कर दी।

  • 600 से ज्यादा बार झूठे दावे करते हुए खुद को बधाई दी।
  • 400 बार गवर्नर्स का जिक्र किया।
  • 360 बार दूसरे का श्रेय ले लिया।
  • 160 बार सहानुभूति जताई, उसमें भी अपनी और स्टाफ की तारीफ।
  • 110 बार दूसरों पर आरोप लगाए।
  • 30 बार पूर्व सरकारों को अमेरिका की स्थिति बिगाड़ने का दोषी बताया।

ऐसे बयान देते रहे ट्रम्प

  • यूएसएफडीए कमिश्नर के लिए कहा- उन्होंने हर किसी से ज्यादा मेहनत की। फिर कहा- जैसे मैंने।
  • ये झूठ भी कहा कि इमरजेंसी में देश में कहीं भी वेंटिलेटर नहीं थे।
  • 27 मार्च को कहा- किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया है जैसा हमने किया।
  • 13 अप्रैल: गवर्नर मेरे काम से इतने संतुष्ट हैं कि किसी ने यह नहीं कहा कि मुझे क्या करना चाहिए।
  • मीडिया के लिए कहा कि वे कभी श्रेय नहीं देते, जिसका मैं हकदार हूं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
पत्रकारों के विश्लेषण के मुताबिक, जिस कोरोनावायरस पर ट्रम्प ने ब्रीफिंग की, उसके पीड़ितों के बारे में सिर्फ साढ़े चार मिनट बात की। (फाइल)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3bN0Zgx

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...