
(संजय आहूजा)लॉकडाउन 2.0 के तहत जिला प्रशासन की ओर से दुकानें खोलने को लेकर जारी शेड्यूल का लोग व दुकानदार काफी ज्यादा लाभ उठा रहे हैं। यह सिलसिला सुबह 6 बजे शुरू हो जाता है।
चूंकि किरयाणा की दुकानें शाम 5 बजे तक खुली रहती है, जिसके चलते लोग बाजार में आते रहते हैं। जिससे लॉकडाउन का पूरा पालन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में प्रशासन को दुकानों के खुलने के शेड्यूल की समीक्षा करनी चाहिए। वहीं राशन व सब्जी के रेटों की भी समीक्षा की जा सकती है।
तीन दिन पहले जारी किया गया था शेड्यूल : जिला प्रशासन की ओर से दुकानें खुलने को लेकर 24 अप्रैल को शेड्यूल जारी किया था। जिसके मुताबिक कहा गया था कि दूध विक्रेता व डेयरी की दुकानें सुबह 7 बजे से सुबह 9 बजे तथा शाम 5 बजे से शाम 8 बजे तक खुली रहेंगी। इसी प्रकार से फल, सब्जी विक्रेता व दुकानें सुबह 6 बजे से सुबह 10 बजे तक तथा किरयाणा की दुकानें सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक खुली रहेंगी। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए किताबों की दुकानों के खोलने का समय भी सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे निर्धारित किया गया है।
सुबह से शाम तक अलग-अलग दुकानें खुल रही
जिला प्रशासन की ओर से जिस तरह से शेड्यूल जारी किया गया, उसके बाद से लोगों को सामान खरीदने के लिए बार-बार निकलना पड़ रहा है। जैसे कि डेयरी का समय सुबह 7 से 9 बजे तक है, इसलिए इस समय ही दूध-दही खरीदने जाना पड़ता है। वहीं सब्जियां खरीदने का समय 10 बजे तक है। 10 बजे किरयाणा की दुकानें खुल जाती है। ऐसे में लोग दोपहर बाद किरयाणा का सामान खरीदने के बहाने बाहर निकलने लगते है। इस तरह से आमजन के लिए जरूरी तीनों चीजों की खरीददारी का समय अलग-अलग होने के चलते लोगों को बाहर आना पड़ता है। वहीं किताबों की दुकानें भी 10 से 5 बजे खुलने से लोगों की आवाजाही बढ़ गई है।
लोग बोले: एक समय खुलें दुकानें, बार-बार न आना पड़े
डीएसपी रोड निवासी राकेश कुमार ने बताया कि डेयरी, किरयाणा व सब्जी की दुकानों का समय अलग-अलग होने से उन्हें सामान खरीदने के लिए बार-बार घर से निकलना पड़ता है। यदि एक ही समय पर दुकानें खुलेंगी तो लोग कम बाहर निकलेंगे। प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए।
प्रशासन को रेट की भी समीक्षा करनी चाहिए
भीमा बस्ती निवासी महेंद्र मेहता ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है कि प्रशासन को एक बार फिर जरूरी सामान राशन, दूध, घी, दही, सब्जी, फ्रूट के रेटों की समीक्षा करनी चाहिए। चूंकि बाजार में सामान की आपूर्ति जारी है इसलिए रेट की समीक्षाकी जाए।
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