Skip to main content

अमेरिका के कई राज्यों में टेस्टिंग किट की कमी, जांच लैब में भी जरूरी साधन नहीं; राज्य खुद निजी कंपनियों से सामान मंगवा रहे

शेरिल स्टोलबर्ग, फराह स्टॉकमेैन, शेरोन लाफ्रेनिएरे.अमेरिका में कोरोनावायरस से 50 हजार से अधिक लोगों की मौतों के बीच लॉकडाउन खोलने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन कई राज्यों के गर्वनर टेस्टिंग की क्षमता में कमी से चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टेस्टिंग के बिना संक्रमण पर नियंत्रण संभव नहीं है। वे मानते हैं, बीमारी की भयानक स्थिति को देखते हुए पर्याप्त टेस्टिंग नहीं हो रही है। टेस्टिंग पहले से बढ़ी है लेकिन यह जरूरत से बहुत कम है। केंद्रसरकार भी सभी राज्यों को जरूरी साज-सामान की सप्लाई नहीं कर पा रही है।


टेस्टिंग कम होने के कई कारण हैं। उसके लिए जरूरी केमिकल नहीं हैं। आमतौर पर निर्माता कम मात्रा में ऐसे केमिकल बनाते हैं लेकिन वे उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ा रहे हैं। वे आश्वस्त नहीं हैं कि आगे भी इतनी ही मांग जारी रहेगी। टेस्ट किट के कुछ जरूरी सामान जैसे खास नेजल स्वेब का विदेशों से आयात होता है। दुनियाभर में इनकी कमी है। जांच सैम्पल लेने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास सुरक्षा के उपकरण नहीं हैं। इसलिए सैम्पल की जांच नहीं हो रही है। सैम्पल की बढ़ती संख्या के हिसाब से प्रयोगशालाओं में पर्याप्त कर्मचारी और उपकरण भी नहीं हैं। संक्रामक बीमारियों के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ, एंथोनी फॉसी का कहना है, टेस्टिंग के मामले में हम उस स्थिति में नहीं हैं, जहां हमें होना चाहिए था।

कंसास की गर्वनर ने 9 बार किट मांगी, लेकिन कुछ नहीं मिला

  • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने जरूरी सामान के उत्पादन और सप्लाई का जिम्मा निजी कंपनियों पर छोड़ दिया है। राज्यों के गर्वनर, सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी और अस्पतालों के प्रमुखों का कहना है कि जरूरी सामान और उपकरण हासिल करने के लिए उन्हें एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। राष्ट्रीय स्तर पर इंतजाम न होने के कारण कई राज्य अपने स्तर पर जरूरी किट और अन्य सामान प्राप्त कर रहे हैं।
  • कंसास की गर्वनर लारा कैली ने राष्ट्रपति को अप्रैल की शुरुआत में टेस्ट किट और प्रोटेक्टिव गियर की कमी की सूचना दी थी। उन्होंने फेडरल एजेंसी को किट और अन्य सामान भेजने के लिए 9 बार आग्रह किया था। लेकिन, अब तक कुछ नहीं मिला है। कई राज्यों में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण और संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों कीजांच नहीं हो पारही। जिन क्षेत्रों में बीमारी फैलने का अधिक खतरा है, वहां भी व्यापक टेस्टिंग नहीं हुई है। ट्रम्प सरकार ने कारोबारी और अन्य गतिविधियों में छूट देने का प्रस्ताव तो रखा है पर टेस्टिंग की किसी योजना का ब्योरा नहीं दिया है।

अमेरिका में दो दवाओं की मांग कई गुना बढ़ी

राष्ट्रपति ट्रम्प के 19 मार्च को कोरोना के लिए मलेरिया की दो दवाओं को कारगर बताने के बाद देश में उनकी मांग बेतहाशा बढ़ी है। उस दिन रिटेल दवा विक्रेताओं के पास क्लोरोक्विन और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रिसक्रिप्शन आम दिनों की तुलना में 46 गुना अधिक आए थे। डॉक्टरों ने लगभग 32 हजार प्रिसक्रिप्शन लिखे। हालांकि, इन दवाइयों के कोरोना के खिलाफ असरकारी होने के ठोस सबूत नहीं मिले हैं। विशेषज्ञों ने इनके खतरनाक साइड इफेक्ट की चेतावनी दी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में इन दवाइयों के प्रिसक्रिप्शन सामान्य दर से छह गुना अधिक लिखे गए।

राष्ट्रपति ट्रम्प की लोकप्रियता में गिरावट आई

वायरस से निपटने में विफलता और अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालत के कारण ट्रम्प की लोकप्रियता में गिरावट आई है। रिपब्लिकन पार्टी के नेता चिंतित हैं कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ सकता है। सीनेट भी पार्टी के हाथ से निकल सकती है। रिपब्लिकन पार्टी द्वारा अभी हाल में कराए गए सर्वे में ट्रम्प मिशिगन, पेनसिल्वानिया, फ्लोरिडा और मिनेसोटा जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में पीछे पाए गए हैं। एरिजोना, कोलोरेडो, नार्थ केरोलिना और मैने में रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर चुनाव हार सकते हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार ने जरूरी सामान के उत्पादन और सप्लाई का जिम्मा निजी कंपनियों पर छोड़ दिया है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eP2tZM

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D

कोसली विधायक ने गिनाए एक साल के काम, बोले- नपा भी जल्द बनेगी

कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने प्रदेश सरकार के एक साल पूरा करने के उपलक्ष्य में कोसली विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास कार्य गिनवाए। विधायक लक्ष्मण यादव मंगलवार को बाईपास स्थित जिला भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ जिलाध्यक्ष मा. हुकमचंद सहित अन्य पदाधिकारी भी थे। विधायक ने कहा कि कोसली विधानसभा क्षेत्र में एक साल के दौरान 110 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन हुए हैं तथा कुछ का कार्य गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के 8 माह संकट का समय रहा। उस समय परियोजनाओं से ज्यादा जीवन का सवाल था। कहा कि कोरोना संकट के समय कोसली क्षेत्र के लोगों ने 21 लाख रुपए की राशि आपदा कोष में जमा करवाकर सराहनीय कार्य किया। उन्होंने बताया कि कोसली-भाकली के बीच विवाद सुलझा रहे हैं। क्षेत्र में जल्द नगर पालिका बनने की उम्मीद है। बरोदा चुनाव में भाजपा की जीत का दाव किया। विधायक ने कहा कि कृष्णावती नदी की छंटाई लिए टैंडर हो गए हैं। खोल क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जलस्तर को ऊपर उठाने के लिए कृष्णावती नदी पानी रिचार्ज करने का काम पूरा क

पुणे निगम ने अंतिम संस्कार का जिम्मा अलग-अलग धर्मों से जुड़े एनजीओ को सौंपा, विपक्ष ने मुस्लिम एनजीओ को राष्ट्रविरोधी बताया तो परमिशन कैंसिल

पुणे में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के अंतिम संस्कार पर विवाद शुरू हो गया है।कोरोना संक्रिमतोंकी मौत होने के बाद उनका परिवार शवछोड़कर भाग रहा है। इस परेशानी से बचने के लिएपुणे नगर निगम ने अलग-अलग धर्म के शवों के अंतिम संस्कार का जिम्मा उनसे संबंधित एनजीओ को सौंप दिया। हिंदू कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार का जिम्माएसए इंटरप्राइज को दिया है। जबकि मुस्लिम मरीज के शव को दफनाने का कामपॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) कोऔर ईसाई डेड बॉडीजका काम अल्फा के पासहै।लेकिन विपक्ष ने मुस्लिम एनजीओ को राष्ट्रविरोधी बताकर उसका विरोध शुरू कर दिया। परिवार वाले शव छोड़कर चले जाते हैं नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी कल्पना बलिंवत बताती हैं कि शवों के अंतिम संस्कार का काम इन संस्थाओं को देने के पीछे वजह यह थी किकोरोना से मरने वालों की लाशें परिवार वालेछोड़कर भाग जाते थे, फोन स्विच ऑफ कर देते थे।एनओसी देने के लिए भी अस्पताल नहीं आते थे। पूरा विभाग दिन-रात परिवार को मनाने में ही लगा रहता था। शहर में 25 रेड जोन,हजारों मरीज और दर्जनभर अस्पतालों की व्यवस्था को देखना आसान नहीं था। यही नहीं निजी अस्पताल व