Skip to main content

लाॅकडाउन में गंगा साफ होने का दावा, पर पानी अब भी आचमन लायक नहीं; बिहार के तीन नालों से सबसे ज्यादा गंदगी पहुंच रही

अनिरुद्ध शर्मा.सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने लॉकडाउन के पहले और लॉकडाउन में गंगा नदी के पानी की जांच में पाया है कि गंगा अपने समूचे प्रवाह में नहाने लायक ताे हो गई है, लेकिन इसका पानी आचमन लायक अब भी नहीं है। गंगा में सबसे ज्यादा गंदगी बिहार के तीन नालों से पहुंच रही है। सीपीसीबी की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गंगा के पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन का स्तरकानपुर को छोड़कर बाकी सभी जगह 1.3 से 5.5 मिग्रा/लीटर है।

पीने लायक पानी के लिए डिजाॅल्व ऑक्सीजन (घुली ऑक्सीजन) 6 मिग्रा/लीटर या इससे ज्यादा होनी चाहिए, जबकि बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 2 मिग्रा/लीटर से कम होनीचाहिए। रिपाेर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दूसरे से चौथे हफ्ते के दौरान नदी में डिजाॅल्व ऑक्सीजन की मात्रा में बिजनौर के मध्य गंगा बैराज से कोलकाता के मिलेनियम पार्क ब्रिज तक बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन बीओडी और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) में खास फर्क नहीं आपाया।

बारिश के चलते मिट्टी बढ़ी और ऑक्सीजन नहीं बढ़ पाई

नदी के उस पानी को नहाने योग्य माना जाता है जिसमें डिजाॅल्व ऑक्सीजन की मात्रा 5 मिग्रा/लीटर हो। गंगा में यह 5.5 मिग्रा/लीटर है इसलिए यह सिर्फ नहाने लायक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के पहले हफ्ते में गंगा पट्‌टी इलाकों में बारिश के चलते नदी में मिट्‌टी बढ़ने से घुली ऑक्सीजन ज्यादा नहीं बढ़ सकी थी। बीओडी की मात्रा में कहीं भी कमी नहीं दर्ज हुई। कानपुर के धोबीघाट केंद्र पर तो बीओडी में लॉकडाउन के दौरान 280% तक इजाफा हो गया, वहां यह 15 मिग्रा/लीटर दर्ज किया गया।

सीओडी की अधिकतम मात्रा लॉकडाउन के पहले जहां 17.7 मिग्रा/लीटर थी। लॉकडाउन के दौरान यह 33.2 मिग्रा/लीटर तक दर्ज हुई। देव प्रयाग से ऋषिकेश के बीच गंगा के प्रवाह को छोड़कर नदी में कहीं भी पीने लायक पानी नहीं है। सोशल मीडिया पर गंगा के पारदर्शी जल के वीडियो में दावा किया जा रहा था कि लॉकडाउन में गंगा साफ हो गई है।

रिपोर्ट वैज्ञानिक है, इस पर भरोसा करना होगा-सीपीसीबी

सीपीसीबी के सदस्य सचिवप्रशांत गार्गव ने कहा- सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें व वीडियो आ रहे हैं, वे सही भी हो सकते हैं। लेकिन, सीपीसीबी की यह वैज्ञानिक रिपोर्ट है। इसी पर भरोसा करना होगा। नदी अब भी इतनी साफ नहीं कि आप उसका इस्तेमाल पानी सीधे पीने के लिए करने लगें।

सहायक नदियां भी कर रहीं गंदा
खेतों का पानी न आने से गंगा में नाइट्रेट की मात्रा में 6% तक की कमी आई है। अन्य सहायक नदियों की तुलना में उत्तर प्रदेश में पांडु और वरुणा नदी के मिलने से गंगा मैली हो रही है। बिहार में पटना से गिरने वाले तीन नालों राजापुर नाला, मंदीरी नाला और अंताघाट नाले से गंगा में सबसे ज्यादा गंदगी पहुंच रही है।

  • 3500 एमएलडी सीवर का पानी हर दिन गंगा में मिलता है। इसमें 1100 एमएलडी उपचारित, जबकि 2400 एमएलडी सीधे गंगा में जाता है।
  • गंगा में प्रदूषण की निगरानी के लिए गंगोत्री से गंगासागर तक मुख्य धारा में और सहायक नदियों और बड़े नालों में कुल 36 रियल टाइम वाटर मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। इनमें से 18 गंगा, 9-9 सहायक नदियों व नालों में लगे हैं।
  • 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू।
  • 97 शहर व कस्बे हैं गंगा किनारे।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनमें गंगा का पानी लॉकडाउन के दौरान एकदम पारदर्शी दिखाया गया है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KDnGbf

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D

कोसली विधायक ने गिनाए एक साल के काम, बोले- नपा भी जल्द बनेगी

कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने प्रदेश सरकार के एक साल पूरा करने के उपलक्ष्य में कोसली विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास कार्य गिनवाए। विधायक लक्ष्मण यादव मंगलवार को बाईपास स्थित जिला भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ जिलाध्यक्ष मा. हुकमचंद सहित अन्य पदाधिकारी भी थे। विधायक ने कहा कि कोसली विधानसभा क्षेत्र में एक साल के दौरान 110 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन हुए हैं तथा कुछ का कार्य गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के 8 माह संकट का समय रहा। उस समय परियोजनाओं से ज्यादा जीवन का सवाल था। कहा कि कोरोना संकट के समय कोसली क्षेत्र के लोगों ने 21 लाख रुपए की राशि आपदा कोष में जमा करवाकर सराहनीय कार्य किया। उन्होंने बताया कि कोसली-भाकली के बीच विवाद सुलझा रहे हैं। क्षेत्र में जल्द नगर पालिका बनने की उम्मीद है। बरोदा चुनाव में भाजपा की जीत का दाव किया। विधायक ने कहा कि कृष्णावती नदी की छंटाई लिए टैंडर हो गए हैं। खोल क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जलस्तर को ऊपर उठाने के लिए कृष्णावती नदी पानी रिचार्ज करने का काम पूरा क

कोरोना काल में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ी, 4 माह में जिले के लोग पी गए 2 लाख काढ़ा पाउच, 80 हजार खाई गिलोय की गोली

कोरोनाकाल में कोरोना संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए लोगों का एलोपैथी दवाओं की बजाय आयुर्वेदिक दवाओं पर ज्यादा भरोसा बढ़ा है। आयुष विभाग में आए काढ़ा पाउच की लगातार डिमांड बढ़ रही है। जून से लेकर अब तक जिले में 2 लाख काढ़ा पाउच को उबालकर लाेग पी चुके हैं। इसी तरह से गुडुची घनवटी (गिलोय की गोली) की भी खपत जो पहले नाममात्र की होती थी अब काफी बढ़ चुकी है। 80 हजार गिलोय गोली को लोग अब तक आयुष विभाग से ले जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयुष विभाग ने इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर विभिन्न जड़ी बूटियों से तैयार काढ़ा पाउच तैयार कर जून माह में प्रदेश भर के जिलों में भेजा था। जिस समय काढ़ा पाउच की सप्लाई भेजी गई थी। उस दौरान भीषण गर्मी थी। लेकिन लोगों ने इसकी परवाह न करते हुए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आयुष विभाग से खूब काढ़ा पाउच लेकर गए। इसी तरह से गिलोय गोली भी लोगों द्वारा खूब ली गई। शुरुआत में घर-घर जाकर बांटे गए थे काढ़ा पाउच : जून में जब पहली बार आयुष विभाग का काढ़ा आया तो अधिकारियों व कर्मचारियों ने घर-घर जाकर, दफ्तरों में काढ़ा पाउच लोगों को बांटे। अब बदले मौसम में और बढ़