
फैमिली आईडी बनाने के लिए डाटा एकत्र कर रही टीमों को इन दिनों लोगों के विरोध व टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे करने आए कर्मचारियों को लोग बार-बार डाटा लेने की बात पर टाेकते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि कुछ दिन पहले सर्वे करके गए थे, अब राशन साथ क्यों नहीं लाए। इसे लेकर सर्वे में जुटी यूनिट कमेटी से जुड़े कर्मचारी खासे परेशान हो रहे हैं। जिस कारण फैमिली आईडी बनाने का कार्य प्रभावित हो रहा है। नगर परिषद प्रबंधन ने कहा है कि यदि कोई इस कार्य में बाधा पहुंचाएगा तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फैमिली आईडी बनाने के लिए यूनिट कमेटी से जुड़े कर्मचारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग तो इस कारण अपना रोष जताते हैं कि बार- बार आधार कार्ड लेकर सर्वे क्यो किया जा रहा है। एक बार में ही सब कुछ तय कर जानकारी क्यों नहीं ली जाती क्योंकि इस तरह बार-बार आने से न केवल कर्मचारियों को बल्कि जिन घरों में वे जाते हैं उनको भी कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसके अलावा कुछ लोग कहते हैं कि बार-बार आधार कार्ड ले जाते हो लेकिन राशन लेकर नहीं आते। कुछ लोग तैश में आकर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार भी कर देते हैं।
फैमिली आईडी बनाने के लिए लगी हैं 41 टीमें
फैमिली आईडी बनाने के लिए शहर में 41 टीमें लगी हुई हैं। जो डोर टू डोर जाकर करीब 11 हजार घरों का सर्वे कर लोगों की फैमिली आईडी तैयार कर रही हैं। प्रत्येक टीम में एक सरकारी कर्मचारी के साथ दो सोशल वर्कर व एक वालंटियर शामिल है। वे हर घर में जाकर एक प्रफोर्मा देकर जानकारी लेते हैं। यह कार्य 30 अप्रैल तक पूरा किया जाना है।
जरूरतमंद की पहचान मकसद
नगर परिषद के एक्सईएन सतीश गर्ग व जेई हवा सिंह ने बताया कि फैमिली आईडी तैयार करने का मकसद ऐसे लोगों की पहचान करना है जिन्हें किसी तरह की सरकार की मदद की जरूरत है। इसके अलावा उन लोगों की पहचान भी हो सकेगी जो पहले से ही किसी तरह की सरकारी मदद ले रहे हैं। उन्होंने आमजन का आह्वान किया कि वे फैमिली आईडी तैयार करने में यूनिट कमेटी सदस्यों का सहयोग करें।
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