बेटे को 10 फीट दूर रहकर संस्कार करने का मैसेज डाल कोरोना पेशेंट ने किया सुसाइड, कपड़ा व्यापारी ने मुलाना कोविड अस्पताल में लगाया फंदा
एमएम कोविड यूनिट में भर्ती जगाधरी के 52 वर्षीय कपड़ा कारोबारी ने वीरवार सुबह करीब 6 बजे बाथरूम की चौखट में फंदा लगाकर जान दे दी। 14 जून को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद पहले उन्हें यमुनानगर के ईएसआई अस्पताल में भर्ती किया गया था। सांस लेने में तकलीफ होने पर 15 जून को एमएम कोविड यूनिट रेफर किया गया था। यहां आईसीयू में उन्हें बाईपेप से ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही थी। आईसीयू में वह अकेले मरीज थे। सुबह करीब 6 बजे उन्होंने अस्पताल स्टाफ से कहा कि वॉशरूम जाना है, इसलिए ऑक्सीजन उतार दो। करीब 25 मिनट तक वॉशरूम से वापस नहीं आए तो स्टाफ ने जाकर देखा वह चादर से बने फंदे पर लटके मिले।
एमएम कोविड यूनिट के डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को पहले भी सांस संबंधी तकलीफ थी और वह इनहेलर प्रयोग करता था। उसकी हालत ज्यादा खराब होने के कारण उसे आईसीयू में मिनी वेंटिलेटर पर रखा हुआ था और बाईपेप द्वारा उसे ऑक्सीजन दी जा रही थी। आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डॉ. मोहित सिंगला ने बताया कि बाईपेप में व्यक्ति के मुंह पर कैप लगती है, जिससे व्यक्ति का मुंह जकड़ जाता है। इसी वजह से यह कोरोना संक्रमित परेशान था। बुधवार को भी उन्होंने 3 बार कैप को हटवाया था।
यमुनानगर के डिप्टी सीएमओ भी उसकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए थे। मरीज आईसीयू में अपने आप को अकेला महसूस कर रहा था लेकिन अब उनकी हालत में सुधार हो रहा था। यमुनानगर के सीएमओ डॉ. विजय दहिया ने कहा कि पेशेंट की हालत में लगातार सुधार हो रहा था। ऐसा लगने लगा था कि वह कोरोना को हरा देगा। यमुनानगर में कोरोना के 28 पेशेंट ठीक हो चुके हैं और किसी की मौत भी नहीं हुई है। मुलाना थाना प्रभारी नरेंद्र राणा ने बताया कि परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की है।
सुबह साढ़े 4 बजे बेटे के मोबाइल पर मैसेज लिखा- संस्कार में 10 फुट दूर रहना | उन्हाेंने वीरवार सुबह करीब साढ़े चार बजे अपने बेटे को मैसेज किया था। मैसेज में बेटे को संस्कार के वक्त 10 फुट दूर रहने को कहा था। वहीं अपने लेन-देन की भी सारी जानकारी दी थी। सुबह 4.23 बजे एक लाइन के मैसेज में लिखा-मुलाना में इलाज ठीक नहीं हुआ मेरा। हालांकि परिजन उस वक्त ये मैसेज देख नहीं पाए। सुबह जब अस्पताल से सुसाइड की सूचना मिली तभी ये मैसेज देखे। कपड़े के होलसेल का काम करने वाले व्यापारी के दो बेटे हैं।
यहां भी काफी परेशान थे, अकेले आईसीयू में रहे| वे बिजनेस के सिलसिले में 10 जून को दिल्ली गए थे। अगले दिन वहां से लौटे तो सीधे टेस्ट कराने ईएसआई अस्पताल गए। 14 को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। तब उनके परिवार के सात लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। यमुनानगर ईएसआई कोविड अस्पताल में उनके साथ भर्ती रहे एक मरीज ने बताया कि यहां वे पारिवारिक कोई बात नहीं कर रहे थे। यही बात करते थे कि कोरोना खतरनाक है। इसी को लेकर वे परेशान भी थे।
परिवार श्मशान में था लेकिन अंतिम दर्शन नहीं कर पाए
जैसे ही सुसाइड करने पता चला तो मृतक के रिश्तेदार घर पर पहुंचे। लेकिन यहां पर एरिया सील होने से पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। नाके के पास ही वे रुके और वहीं पर विलाप करते रहे। शव को सीधा जगाधरी बुड़िया चौक रोड स्थित श्मशानघाट में ले जाया गया। वहां पर मृतक के परिवार के लोग भी थे। लेकिन वे न तो मुखाग्नि दे पाए और न ही अंतिम दर्शन कर पाए। यहां पर एसडीएम दर्शन कुमार और जगाधरी एसएचओ भी तैनात रहे। निगम के एक कर्मचारी ने मुखाग्नि दी।
9 माह की बच्ची से लेकर 92 साल की बुजुर्ग तक ठीक होकर निकले
एमएम कोविड यूनिट से नोडल अधिकारी डॉ. एलएन गर्ग के मुताबिक यहां से कोरोना के 238 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इनमें 9 माह की बच्ची से लेकर 92 साल की बुजुर्ग तक शामिल हैं। ठीक होने वालों में कई कैंसर पीड़ित मरीज भी रहे हैं। कई मरीज तो आईसीयू व ऑक्सीजन बेड से ठीक होकर गए। मरीज को हौसला नहीं हारना चाहिए। जीने की इच्छाशक्ति जरूरी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37HBtbn