जिले में अब कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 346 हो गया है। मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव के 18 नए केस सामने आए। सबसे बड़ा खतरा अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों की कांटेक्ट चेन बढ़ने से बढ़ रहा है। मंगलवार को जो 18 नए केस सामने आए हैं। उनमें से अधिकर पहले से संक्रमित मरीजों के कांटेक्ट में आने वाले हैं। वहीं पीजीआई भी कोरोना वायरस का नया हॉट स्पॉट बनकर उभरा है। यहां कोरोना मरीजों के संपर्क में आने से चिकित्सकों के संक्रमित होने का सिलसिला बढ़ रहा है।
हालांकि मंगलवार को किसी चिकित्सक में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। वहीं पीजीआई के कम्युनिटी मेडिसिन के कोरेाना संक्रमित चिकित्सक की हालत में मंगलवार को सुधार पाया गया। परिजन पॉजीटिव डॉक्टर को एम्स में उपचार कराने के लिए रेफर कराकर दिल्ली ले गए। इसके अलावा राहत की बात ये भी है कि कोरोना से जंग हारने वाले ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के युवक की मौत के बाद यहां कोरोना की चेन नहीं बनी है। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार ओल्ड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं।
मंगलवार को मिले 18 नए संक्रमित मरीजों में क्लीनिक रिसेप्शनिस्ट, बैंक कर्मचारी, प्रॉपर्टी डीलर, पारिवारिक सदस्य हैं। 204 मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमित देकर उन्हें सर्विलांस किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने जनता से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए घर पर ही रहें। जरुरी काम होने पर ही घर से निकलें और बेवजह पब्लिक डीलिंग वाले स्थानों पर जाने से बचें।
रिपोर्ट ने बढ़ाया असमंजस : बच्ची की रिपोर्ट मेंपाॅजिटिव की बजाय लिख दिया रिपीट पॉजिटिव
11 जून को सुनारिया गांव में गर्भवती महिला की डिलीवरी कराई गई। 12 जून को परिजन महिला और बच्ची का चेकअप कराने के लिए पीजीआई में पहुंचे। चिकित्सकों ने बच्ची को ग्लूकोमा की शिकायत होने की बात कहते हुए भर्ती करने को कहा। परिजन बच्ची को भर्ती कराने को राजी हो गए। इसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची को कोरोना टेस्ट कराने के लिए सैंपल लेकर लैब में भेज दिया। 14 जून को लैब से मिली रिपोर्ट में बच्ची को पॉजिटिव की जगह रिपीट पॉजीटिव लिख दिया।
रिपोर्ट देख चिकित्सक और परिजन असमंजस में पड़ गए। नवजात के कोविड 19 पॉजिटिव आने के बाद भी उसे कोविड वार्ड में भेजने की बजाय वार्ड 14 में ही भर्ती रखा गया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची को चिकित्सकों ने एम्स के लिए रेफर किया था लेकिन एम्स ने भर्ती करने से मना कर दिया। दिल्ली से चक्कर काटकर लौटने के बाद सोमवार देर रात बच्ची को निक्कू वार्ड में भर्ती किया गया है। वहीं पीड़िता के मां-पिता और अन्य परिजनों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा गया है। वहीं इस पूरे प्रकरण पर अधिकारी जानकारी देने से बचते रहे।
सोनीपत की कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत, लापरवाही का आरोप
सोनीपत के गांव भैंसवाल निवासी 21 वर्षीय तमन्ना को प्रसव के लिए पीजीआई में परिजनों ने भर्ती कराया था। परिजनों ने बताया कि भर्ती करने के बाद तमन्ना की कोविड जांच के लिए सैंपल भेजा गया था। 12 जून को जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें आइसोलेशन वार्ड 24 में भर्ती कर दिया गया। जबकि उनके परिजनों को गांव भैंसवाल स्थित घर में ही क्वॉरेंटाइन किया था। रविवार से ही बच्चे के मूवमेंट न करने और दर्द होने की शिकायत कर रही थी। लेकिन कोई चिकित्सक जांच करने के लिए नहीं पहुंचा। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही की वजह से मंगलवार को महिला की मौत हो गई। पीजीआई के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. वरुण अरोड़ा ने बताया कि गर्भवती कोरोना पाजीटिव महिला गंभीर एनीमिया और हाई बीपी से पीड़ित थी। ये हाई रिस्क प्रेग्नेंसी का केस था।
इन लोकेशन पर मिले संक्रमित मरीज
मंगलवार को मिले नए केस में गांधी कैंप के रामलीला मैदान के समीप रहने वाले एक परिवार के चार सदस्यों में 18 वर्षीय युवक,16 वर्षीय किशोर, 48 वर्षीय व्यक्ति और एक क्लीनिक पर बतौर रिसेप्शनिस्ट तैनात 42 वर्षीय महिला, ओमेक्स सिटी निवासी 42 वर्षीय महिला डॉक्टर, प्रीत विहार कालोनी निवासी 37 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर, जगदीश कॉॅलोनी निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग, सैमाण चुंगी महम निवासी 28 वर्षीय बैंक कर्मचारी, कलानौर निवासी 57 वर्षीय बुजुर्ग, गांधी नगर निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग, गांधी नगर निवासी 25 वर्षीय युवक, डीएलएफ कॉॅलोनी निवासी 68 वर्षीय बुजुर्ग, सिविल अस्पताल के पास रहने वाले 40 वर्षीय युवक, शक्ति नगर निवासी 56 वर्षीय बुजुर्ग, शक्ति नगर निवासी सात वर्षीय बच्ची, जगदीश कॉॅलोनी निवासी 33 वर्षीय महिला, उक्त कॉॅलोनी निवासी पांच वर्षीय बच्ची और 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला को संक्रमण की पुष्टि हुई है।
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