कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न हुए हालातों के बाद अम्बाला की साइंस इंडस्ट्री का ट्रेंड चेंज हो गया है। इंडस्ट्री में नए ऑर्डर नहीं हैं और जो पुराने ऑर्डर थे वह भी ज्यादातर कैंसिल हो रहे हैं। साइंस उपकरणों का काम मंदा पड़ने से अब इस इंडस्ट्री में ट्रेडिंग से जुड़े कारोबारियों ने ट्रेंड चेंज कर लिया है। अधिकतर फर्म अब कोरोना वायरस से बचाव में इस्तेमाल होने वाले सामान की ट्रेडिंग में उतर आई हैं। साइंस बाजार में सेनिटाइजर डिसपेंसर से लेकर मॉस्क एवं अन्य सामान की ट्रेडिंग हो रही है।
साइंस इंडस्ट्री में बड़ा वर्ग ट्रेडर्स का है जोकि सामान को फैक्ट्रियों से खरीद ग्राहकों को सीधा उपलब्ध कराते हैं, मगर शिक्षण संस्थानों में लॉकडाउन होने के वजह से एजुकेशनल एवं अन्य इंस्ट्रूमेंट की सप्लाई लगभग बंद पड़ी है। नए कार्ड इंडस्ट्री को नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में ट्रेडर्स ने कोरोना वायरस से बचाव का सामान बेचना आरंभ कर दिया है। साइंस मार्केट में बड़ा वर्ग ऐसा है जोकि अब पीपीई किट, फेस मॉस्क, फेस शील्ड, सोडियम हायपो क्लोराइड, इन्फरा रेड चैंबर, यूवी चैंबर, फूम हुड, फॉगर मशीन, थर्मल स्कैनर आदि की ट्रेडिंग कर रहा है। ऑनलाइन व ऑफलाइन आॅर्डर ट्रेडर्स द्वारा बुक किए जा रहे हैं। साइंस की उपकरण बनाने वाली कुछ फर्मों ने तो अब सेनेटाइजर डिस्पेंसर, मॉस्क, फेस शील्ड आदि बनाने आरंभ कर दिए हैं।
यह बोले उद्यमी
साइंस उपकरणों की ट्रेडिंग करने वाले नरेंद्र कुमार ने कहा कि बाजार में साइंस उपकरणों का नया ऑर्डर नहीं है। ट्रेडर विजय बताते हैं कि लॉकडाउन के शुरूआती चरणों में मॉस्क, सेनिटाइजर व अन्य सामान की खूब सेल हुई। दाम भी ठीक मिल रहे थे, मगर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। कई लोग इसी लाइन में आ गए हैं। साइंटिफिक अप्रेटस मैन्युफेक्चर एंड एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश गुप्ता ने बताया कि साइंस इंडस्ट्री द्वारा कोरोना वायरस से संबंधित सामान की ट्रेडिंग आरंभ कर दी है।मगर अब प्रतिस्पर्धा होने पर ठीक रेट नहीं मिल रहा है।
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