Skip to main content

एसडीएम की गाड़ी का नंबर बाइक पर लगाने के मामले में केस दर्ज

एसडीएम कार्यालय रादौर से पकड़ी गई एसडीएम की सरकारी गाड़ी के नंबर प्लेट की बाइक के मामले में एसडीएम कार्यालय के क्लर्क की ओर से गुरूवार को लिखित शिकायत पुलिस थाने में दी गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। अब फर्जी नंबर प्लेट मामले की परतें खुल सकती हैं। वैसे इस मामले को रफा-दफा करने की भी काफी सिफारिशें आ रही हैं। पुलिस व एसडीएम कार्यालय दोनों पर ही इस मामले में भारी दबाव है। पुलिस मामले की बारीकी से जांच करने की बात कह रही है। थाना रादौर प्रभारी ऋषि कुमार का कहना है कि एसडीएम कार्यालय के क्लर्क की ओर से कार्रवाई के लिए शिकायत दी गई है। शिकायत मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

बाइक को छुड़ाने के लिए चल रही थी सिफारिशें| क्षेत्र के लोगों में ही नहीं थाने के अंदर भी यह चर्चा है कि फर्जी नंबर प्लेट बाइक जिस व्यक्ति की है, पुलिस उस व्यक्ति तक पहुंच चुकी है। यहां तक कि वह व्यक्ति अपने साथियों के साथ रादौर थाने में भी पहुंचा भी था और पुलिस के समक्ष बाइक छुड़ाने की गुहार भी लगाई। अभी तक पुलिस ने इस मामले में न तो बाइक को छोड़ा है और न ही बाइक मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई की। हालांकि पुलिस अपने स्तर पर इस मामले में कार्रवाई कर सकती थी। बताया जा रहा है कि मामला में बड़े राजनेताओं तक की सिफारिशें चल रहीं हैं। लेकिन दैनिक भास्कर द्वारा पूरे मामले की गुरुवार को रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद पुलिस को मामला दर्ज करना पड़ा है।

यह है मामला| एसडीएम कार्यालय रादौर में ब्लैक रंग की सुपर सप्लेंडर बाइक खड़ी थी। बाइक की नंबर प्लेट पर एसडीएम रादौर की सरकारी गाड़ी का नंबर एचआर 92-9292 अंकित था। इसकी सूचना एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों को लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बाइक को अपने कब्जे में ले लिया था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37NR7lF

Popular posts from this blog

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...

2 दिन से एमएसपी पर पीआर धान की नहीं हुई खरीद, सरकारी रिकॉर्ड में 17500 क्विंटल मंडियों में अटका

सरकार और राइस मिलर्स की लड़ाई में किसान पिस रहा है। पीआर धान की सरकारी खरीद कागजों में रविवार से शुरू हो चुकी है लेकिन पूरे जिले में किसी भी मंडी में एक दाने की खरीद अब तक नहीं हुई। मार्केट कमेटी के रिकॉर्ड अनुसार ही 17500 क्विंटल पीआर धान मंडियों में पहुंच चुका है। हालांकि धान इससे कहीं ज्यादा मात्रा में मंडियों में पड़ा है। सोमवार सुबह नई अनाज मंडी में एमएसपी पर धान की खरीद शुरू न होने पर किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया। उसके बाद एसडीएम संजय कुमार किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें एमएसपी पर खरीद का आश्वासन दिया। किसानों ने एसडीएम से दो टूक कहा कि वे पहले ही दुखी हैं और अब उन्हें और परेशान नहीं किया जाए। एक दिन का अल्टीमेटम देते हुए किसान बलजीत किच्छाना, गुरनाम सिंह डोहर, फूल सिंह नरड़, संजय ग्योंग, होशियार गिल व राममेहर गिल प्यौदा, तेजिंद्र सिंह अरनौली ने कहा कि अगर सोमवार सायं तक एम एसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई तो मंगलवार से किसान कार्यालय के बाहर धरना देंगे और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों को एक-एक क्विंटल धान लाने के मैसेज पर एसडीएम बोले-गलती सुधारी ज...