किसानों को गेहूं बिक्री के बाद मिलने वाली राशि को देने में देरी करने वाले आढ़तियों की गिनती पूरी हो गई है। 13269 आढ़तियों ने सरकार की ओर से तय किए गए समय 72 घंटे की अवधि में किसानों के खातों में राशि नहीं डाली। अब इन आढ़तियों से 15 फीसदी ब्याज की वसूली की जाएगी। नोटिस तैयार कर लिए गए हैं और संभवत: आज से आढ़तियों को नोटिस जारी होंगे।
किसानों को जो राशि देरी से उपलब्ध कराई गई है, वह 4639 करोड़ रुपए है।
यानी करीब 30 फीसदी राशि ऐसी है जो किसानों को समय पर नहीं मिली है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। अबकी बार 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का गेहूं किसानों से खरीदा गया है। लॉकडाउन की वजह से अबकी बार गेहूं खरीद का कार्य 20 अप्रैल से शुरू किया गया था। देरी से गेहूं खरीद शुरू हुई थी, लेकिन किसानों को राशि भी देरी से उपलब्ध हो पाई है।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि प्रदेश के 13269 आढ़तियों ने करीब 1.95 लाख किसानों के खातों में देरी से राशि डाली है। यह राशि करीब 4639 करोड़ रुपए है। इस राशि का 15 फीसदी ब्याज अब वसूला जाएगा। यह ब्याज चार से 20 दिन का होगा। ब्याज वसूलने के लिए नोटिस तैयार हो गए हैं, जल्द ही आढ़तियों को ये नोटिस पहुंच जाएंगे। जो राशि आएगी, वह किसानों के खातों में भेज दी जाएगी।
1.95 लाख किसानों को देरी से मिली राशि : खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले करीब 25 दिनों से यह गणना की जा रही थी कि कितने आढ़तियों ने कितने किसानों की राशि देरी से दी है। गणना करने के बाद पता चला है कि 195673 किसानों की राशि तय समय में नहीं मिली है। यह राशि कुल 4639.50 करोड़ रुपए है। विभाग की ओर से 15 जून तक का आंकड़ा तैयार किया गया है।
78 लाख टन गेहूं की हुई है खरीद
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अबकी बार प्रदेश की करीब 1831 अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों से 78 लाख टन गेहूं की खरीद की है। जबकि तैयारियां 95 लाख टन की हुई थी। उत्पादन कम होने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है, वहीं किसानों को गेहूं की राशि समय पर नहीं मिल सकी है। विभाग ने उन आढ़तियों की सूची भी तैयार कर ली है, जिन्होंने चार से सात, आठ से 15 और 16 से 20 दिनों की देरी से किसानों के खातों में राशि भेजी है।
यहां 5 लाख से अधिक किसानों ने बेचा है गेहूं
प्रदेश की अनाज मंडियों व खरद केंद्रों में अबकी बार पांच लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बेची है। अबकी बार प्रदेश में 23.87 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की गई थी। हर साल एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू होती है, लेकिन अबकी बार लॉकडाउन की वजह से गेहूं खरीद 20 दिन देरी से शुरू हुई थी। अभी गेहूं खरीद का कार्य चल रहा है और 30 जून तक जारी रहेगा।
नोटिस देकर वसूला जाएगा ब्याज
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले उन आढ़तियों को नोटिस जारी किए जाएंगे, जिन्होंने किसानों के खातों में राशि देरी से डाली है। यही नहीं ऐसे आढ़तियों से 15 फीसदी ब्याज वसूला जाएगा। यह ब्याज वसूलने के बाद किसानों के खातों में डाला जाएगा। नोटिस जारी होने के बाद फाइनल होगा कि कितने लाख या करोड़ रुपए का ब्याज किसानों को मिलेगा।
11 जून तक 12953 करोड़ आढ़तियों को दिए : सरकारी खरीद एजेंसियों ने 11 जून तक आढ़तियों को 12953 करोड़ रुपए दिए हैं, जो कुल राशि का करीब 97 फीसदी है। जबकि 337 करोड़ रुपए पेंडिग है। आढ़तियों की ओर से अब तक किसानों के खातों में 12338 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर चुके हैं। 455 करोड़ रुपए आढ़तियों की ओर बकाया है।
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