महम के गांव फरमाणा खास के 25 साल के सुरेंद्र और 23 साल की पूजा की गुरुवार को हत्या हो गई। दोनों ने 6 महीने पहले प्रेम विवाह किया था। कई दिनों तक पुलिस सुरक्षा में सेफ हाउस में भी रहे थे। दोनों एक ही जाति से संबंध रखते थे और गांव में उनके घर आमने सामने थे। सुरेंद्र नाते में पूजा का चचेरा भाई लगता था। करीब 5 महीने पहले दोनों को गांव में हुई एक सामाजिक पंचायत में गांव से बाहर निकलने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से सुरेंद्र और पूजा रोहतक की दिल्ली रोड स्थित मस्तनाथ कॉलोनी में एक किराए के मकान में रह रहे थे।
पुलिस ने सुरेंद्र-पूजा के मर्डर में पूजा के सगे भाई अजय और उसके दो चचेरे भाईयों साहिल व बबलू को गिरफ्तार किया है। तीनों ने महम-बड़ेसरा रोड पर बुधवार रात के समय पूजा और सुरेंद्र को ले जाकर वहां उन्हें चाकू मारे। पूजा किसी प्रकार घायल हालत में उनके चंगुल से भाग निकली। इसके बाद वो गुरुवार सुबह करीब 7 बजे गंभीर हालत में अकेले महम सीएचसी में पहुंची। उसके गले पर चाकू के गहरे घाव का निशान था। उसने चिकित्सकों को बताया कि उसके भाई ने उसे चाकू मारा है व उसके पति की हत्या कर दी है।
हालत गंभीर होने के चलते चिकित्सकों ने पूजा को रोहतक रेफर कर दिया। लेकिन पीजीआई पहुंचने से पहले पूजा ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इसके बाद पूजा के बयान पर उसके परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। लेकिन 12 घंटे तक वो ये नहीं जान सके की आरोपियों ने सुरेंद्र के साथ कहां पर क्या किया। देर शाम पुलिस ने अजय, साहिल और बबलू को भी गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ में सारी कहानी स्पष्ट हो गई। बाद में सुरेंद्र का शव महम-बड़ेसरा मार्ग पर एक रजबाहे के साथ लगते खेत से बरामद किया गया। आरोपी अजय ने कबूल किया कि बहन के अपने ही परिवार के युवक से प्रेम विवाह करने से वो रंजिश रखे था। इसी के तहत उसने अपने चचेरे भाईयों के साथ मिल वारदात को अंजाम दिया।
रिश्ते-भरोसे का कत्ल : 3 महीने से रोज बहन से फोन पर बात करता था अजय, वादा किया था-तोशाम आ जाओ गृहस्थी जमवा दूंगा
6 महीने पहले समाज के रिवाजों को त्याग प्रेम विवाह करने वाले सुरेंद्र व पूजा के अंत की कहानी उसके भाई अजय के द्वारा रिश्ते-भरोसे के कत्ल से जुड़ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि बहन के प्रेम विवाह करने से अजय काफी नाराज था। इसके वो समाज मे अपनी बदनामी मानता था। लेकिन उसने इसे अपने दो चचेरे भाईयों साहिल और बबलू के अलावा किसी के आगे जाहिर नहीं किया। बहन के प्रेम विवाह करते ही वो भी गांव छोड़ गया। इन दिनों वो सिवानी में रह रहा था।
अजय ने खुलासा किया कि वो सुरेंद्र और पूजा को शुरू से ही मारना चाहता था। सिवानी में रहते उसने सुरेंद्र का पता और उसका फोन नंबर ढूंढा। इसके बाद वो अपनी बहन पूजा से फोन पर बात करने लगा। उसने उसके प्रेम को स्वीकार करने की दुहाई दी और बातों से उसका भरोसा जीता। लॉकडाउन में जब सुरेंद्र का रोजगार मंदा पड़ा तो अजय ने अपने प्लान को अंजाम देने की ठानी। उसने बहन पूजा को तोशाम में कमरा दिलवाने और उनकी गृहस्थी जमवाने का भरोसा दिया। पूजा उस पर विश्वास कर बैठी। इसके बाद अजय ने साहिल-बबलू को महम-बड़ेसरा मार्ग पर एक जगह छोड़ा और इसके बाद पूजा और सुरेंद्र को बाइक पर तोशाम लेकर जाने की बात कह बुधवार शाम को रोहतक से लेकर गया। फिर उनका खून कर दिया।
भिवानी जिले की सीमा में पड़ा मिला सुरेंद्र का शव, महम पुलिस ही करेगी जांच
सुरेंद्र-पूजा की हत्या महम-बड़ेसरा राेड पर खेताें में की गई। बड़ेसरा गांव भिवानी जिले का है। जहां सुरेंद्र का शव मिला वो खेत बड़ेसरा गांव के हैं। पूजा की मौत महम सीएचसी से रोहतक ले जाते हुई। सुरेंद्र का शव भिवानी जिले की सीमा में मिला होने पर भिवानी पुलिस भी मौके पर पहुंची। लेकिन रोहतक से दोनों को बहकाकर अगवा करने और फरमाणा गांव के होने के चलते इस संवेदनशील मामले की जांच रोहतक पुलिस ही करेगी। रोहतक पुलिस ने बाकायदा गुरुवार शाम को प्रेस नोट जारी कर दावा किया कि वो इस जुर्म के दोषियों को उच्च सजा दिलाएगी ताकि समाज के सामने उदाहरण पेश किया जा सके।
गला कटने के बाद पूजा अंधेरे में सारी रात खेतों में छुपी रही, यकीन हो गया की हत्यारे भाई चले गए तो अस्पताल गई : रोहतक से अजय अपनी बहन पूजा और सुरेंद्र को बाइक पर लेकर गया था। तीनों एक ही बाइक पर थे। इसके बाद रास्ते में जब अंधेरा होने लगा तो वो उन्हें महम-बड़ेसरा रोड पर ले गया। इस रोड पर एक रजबाहे के पास साहिल और बबलू पहले से मौजूद थे। पूजा और सुरेंद्र को लेकर अजय वहीं पहुंचा। तीनों भाईयों पर पूजा को तभी शक हो गया। उसने वहां सुरेंद्र के साथ भागने की कोशिश की। लेकिन अजय ने इसी दौरान पूजा पर चाकू से वार किए। उसका गला भी रेत दिया।
इस दौरान बबलू और साहिल सुरेंद्र को काबू किए रहे। पूजा का गला रेतने के बाद अजय ने सुरेंद्र को चाकुओं से गोद दिया। इसी बीच घायल पूजा वहां से उठ अंधेरे में खेतों में भाग निकली और झाड़ियों में छुप गई। तीनों भाईयों ने उसे काफी देर तक खेतों में तलाशा। बाद में वो वापस लौटे और एक रस्सी से सुरेंद्र का गला भी घोंट दिया। बाद में वहां से चले गए। वहीं खेतों में कई घंटे से छुपी पूजा सुरेंद्र को अंधेरे में नहीं ढूंढ पाई और सुबह 7 बजे महम की सीएचसी में गंभीर हालत में पहुंची।
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