सीमा पर चीनी सेना की झड़प से देश के 20 जवान शहीद हुए हैं। चीन को लेकर पिछले काफी समय से भारत देश के लोग दूरी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कई बार चाइनीज सामान की बिक्री व खरीदारी न करने को लेकर मुहिम भी चली है।
अब फिर से सोशल मीडिया पर यह मुहिम शुरू हो गई है। हालांकि हमारे यहां बाजार में मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, लाइटें के अलावा भी सामान ऐसा है जोकि चाइना से ही आता है। चीन की मजबूत अर्थव्यवस्था में देशवासियों व क्षेत्रवासियों की अहम भूमिका है। जिले की ही बात करें तो प्रति साल यहां के लोग 3 अरब से भी ज्यादा रुपये चाइनीज सामान खरीदने पर खर्च करते हैं। इसमें 50 प्रतिशत रुपये केवल मोबाइल से जुड़े है। जोकि चाइना की कंपनियों तक पहुंच रहा है।
डेढ़ अरब के मोबाइल हर साल बिकते हैं
जिले में हर महीने 12 करोड़ से 15 करोड़ तक का मोबाइल कारोबार होता है। चूंकि मार्केट में भारतीय कंपनी के मोबाइल की क्वालिटी नाममात्र है, जिसके चलते चाइनीज कंपनियों का अभी तक वर्चस्व बना हुआ है। इस तरह से मोबाइल का कारोबार हर साल डेढ़़ अरब तक पहुंच जाता है। पालिका बाजार स्थित एमके मोबाइल विक्रेता मुकेश नारंग ने बताया कि मार्केट में अधिकतर चाइनीज कंपनियों के मोबाइल ही बिकते हैं। फिर भी देश की बात आती है तो वह पहले देश के बारे में सोचेंगे।
60 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चाइनीज
एलईडी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीनों जैसे उत्पादों की बात करें तो पिछले कुछ समय से इनकी डिमांड कम हुई है। वहीं जिले का कारोबार एक अरब पार कर जाता है। भारतीय कंपनियां प्रोडक्ट तो बना रही हैं, लेकिन उन्हें पार्ट्स के लिए चाइना पर निर्भर रहना पड़ता है। एसबीआई रोड स्थित जैन इंटरप्राइजिज के संचालक प्रवीन जैन ने बताया कि मौजूदा समय में भी 60 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स चाइनीज कंपनियों के आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वदेशी उपकरण अपनाने पर जोर देना चाहिए।
50 करोड़ की चाइनीज लाइटें बिकती हैं
इलेक्ट्रिक सामान एलईडी बल्ब, लाइटों, दिवाली पर लगने वाली लड़ियों, बटन, प्लग आदि की बात करें तो उसमें भी काफी सामान चाइनीज ही है। अकेले फतेहाबाद शहर में इसका कारोबार प्रति माह एक करोड़ से ज्यादा का है। जिले में यह 50 करोड़ से ज्यादा हो जाता है। भीमा बस्ती स्थित नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक बंटी निझारा ने बताया कि इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट में भी चाइनीज कंपनियों का वर्चस्व है। सारा बाजार इस पर टिका है। लेकिन भारतीय कंपनियां अब इस तरह के प्रोडक्ट बनाने का प्रयास कर रही है।
रतियावासियों ने फूंका चाइना का पुतला
भगत सिंह चौक में शहर के लोगों ने चीन का पुतला फूंक कर नारेबाजी कर रोष जताया। शहर वासियों ने निर्णय लिया कि वे चीन से निर्मित सामान की खरीद नहीं करेंगे। इससे पहले शहर के लोगों ने विभिन्न बाजारों में भी विरोध प्रदर्शन किया। अध्यक्षता विकास ग्रोवर ने की। विकास ग्रोवर, मोहन मित्तल, गौरव शर्मा ने कहा कि चीन ने हमेशा ही पीठ पीछे वार किया है।भारतीय सैनिकों पर हमला कर उन्हें शहीद कर दिया। भारत को इसका बदला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाइना के सामान का बहिष्कार कर चीन की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना चाहिए।
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