Skip to main content

कैंट में नहीं साइन बोर्ड जो बता सके बाजार या काॅलोनी का नाम

कैंट में बाजारों व काॅलोनियों की जानकारी देने के लिए एक भी साइन बोर्ड इस समय नहीं लगा है। कौन सा बाजार कहां से आरंभ व कहां से दूसरा बाजार है, इसकी जानकारी किसी भी शहर में वहां लगे साइन बोर्ड से होती है, मगर नगर परिषद शायद इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।

कैंट के मुकाबले सिटी नगर निगम, हु‌डा प्रशासन और कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में काॅलोनियों व इलाकों की जानकारी देने के लिए सड़कों व किनारों पर साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिससे जनता को काफी सहायता तक मिल रही है। सिटी नगर निगम द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में मुख्य रोड, काॅलोनियों एवं अन्य स्थानों पर निगम क्षेत्र में आने वाली काॅलोनियों की जानकारी देने के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं।

यदि कोई अनजान व बाहरी व्यक्ति क्षेत्र में दाखिल होता है तो उसे काॅलोनियों के बारे में सटीक जानकारी इन साइन बोर्ड के माध्यम से मिलती है। यही स्थिति हु‌डा सेक्टरों और कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र की है। कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा हर रोड पर रोड का नाम, इलाको का नाम एवं बंगलों के आगे प्राॅपर्टी संख्या के साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इसके लिए बोर्ड द्वारा अलग से बजट का भी प्रावधान है।

बाजारों में साइन बोर्ड से बाहर से आने वालों को सुविधा
{ पूर्व पार्षद ओंकार नाथी ने कहा कि इलाकों की पहचान के लिए साइन बोर्ड लगाना जरूरी है। कैंट नप सीमा में किसी काॅलोनी, सड़क व बाजारों में कोई साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है। काॅलोनियों की जानकारी देने के लिए यह बेहद जरूरी है। पूर्व में उनके कार्यकाल के समय नगर परिषद सदन में यह प्रस्ताव आया था, मगर कुछ कारणों से यह लागू नहीं हो सका था।
{ पुरानी सब्जी मंडी हनुमान मार्केट एसोसिएशन के प्रधान विनोद जौहर कहते हैं कि बाजारों की जानकारी देने के लिए बोर्ड लगे होने चाहिए। इससे बाहर से आने वाले लोगों को सहूलियत मिलती है। कैंट सदर क्षेत्र में कोई साइन बोर्ड नहीं है। कई लोग दुकानदारों से ही रास्ता पूछ आगे जाते हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सिटी में ओल्ड दिल्ली रोड पर माॅडल टाउन का लगाया गया साइन बोर्ड।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3d2LBMQ

Popular posts from this blog

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...

2 दिन से एमएसपी पर पीआर धान की नहीं हुई खरीद, सरकारी रिकॉर्ड में 17500 क्विंटल मंडियों में अटका

सरकार और राइस मिलर्स की लड़ाई में किसान पिस रहा है। पीआर धान की सरकारी खरीद कागजों में रविवार से शुरू हो चुकी है लेकिन पूरे जिले में किसी भी मंडी में एक दाने की खरीद अब तक नहीं हुई। मार्केट कमेटी के रिकॉर्ड अनुसार ही 17500 क्विंटल पीआर धान मंडियों में पहुंच चुका है। हालांकि धान इससे कहीं ज्यादा मात्रा में मंडियों में पड़ा है। सोमवार सुबह नई अनाज मंडी में एमएसपी पर धान की खरीद शुरू न होने पर किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया। उसके बाद एसडीएम संजय कुमार किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें एमएसपी पर खरीद का आश्वासन दिया। किसानों ने एसडीएम से दो टूक कहा कि वे पहले ही दुखी हैं और अब उन्हें और परेशान नहीं किया जाए। एक दिन का अल्टीमेटम देते हुए किसान बलजीत किच्छाना, गुरनाम सिंह डोहर, फूल सिंह नरड़, संजय ग्योंग, होशियार गिल व राममेहर गिल प्यौदा, तेजिंद्र सिंह अरनौली ने कहा कि अगर सोमवार सायं तक एम एसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई तो मंगलवार से किसान कार्यालय के बाहर धरना देंगे और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों को एक-एक क्विंटल धान लाने के मैसेज पर एसडीएम बोले-गलती सुधारी ज...