Skip to main content

खुद इंटरनेशनल प्लेयर नहीं बन सका तो जरूरतमंद बच्चों को खिलाड़ी बनाने की ठानी, कबड्डी के नि:शुल्क गुर सिखा रहे महाबीर कॉलोनी के सुरेंद्र सिंह

महाबीर कॉलोनी के नेशनल स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी सुरेंद्र सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं बन सके तो उन्होंने जरूरतमंद बच्चों को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने की ठानी। पिछले ढाई साल से वह सेक्टर 1 में खुद मैदान बनाकर 40 से अधिक बच्चों को कबड्डी की ट्रेनिंग दे रहे हैं। लड़कियों एवं जरूरतमंद बच्चों से शुल्क नहीं लेते हैं। यही नहीं 20 से अधिक बच्चे विभिन्न स्थानों पर हुई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के अलावा लीग मैचों में भी प्रतिभा का झंडा गाड़ चुके हैं। पढ़िए कैसे हुई नई पहल...

जानिए कैसे हुई शुरुआत, खुद तैयार किया मैदान

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह नेशनल स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी है। दिल्ली व अन्य स्थानों पर कई नेशनल स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीते मगर किसी कारणवश वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं खेल सके। करीब ढाई साल पहले शहर के एक पार्क में कुछ बच्चों को खेलते देखा। यहीं से उन्होंने जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क कबड्डी के गुर देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की ठान ली। सेक्टर 1 में शिष्य वीरेंद्र बूरा के साथ मिलकर मैदान तैयार किया। 100 से अधिक बच्चों कबड्डी खेलने के लिए पहुंचने लगे।

कामयाबी : जींद, रोहतक व बेंगलुरु में जीते मैच

कोरोना के चलते अभी 40 बच्चों को कबड्डी के गुर सीखाए जा रहे हैं। जिनमें योगेश, राहुल, पूजा, कोमल, शालू आदि जींद, रोहतक व अन्य स्थानों पर प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर हिसार का नाम रोशन कर चुके हैं। बेंगलुरु में हुई जस्ट कबड्डी लीग सीजन 8 में भी सुरेंद्र के पास प्रैक्टिस करने वाले 35 बच्चों ने भागीदारी की थी। इसमें उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।

संतुष्टि मिलती है

सुरेंद्र सिंह और वीरेंद्र बूरा का कहना है कि बच्चों को नि:शुल्क ट्रेनिंग देने से मन को संतुष्टि मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उद्देश्य यह भी है कि आज की पीढ़ी नशे की गर्त में ना जाए। खेलों से जुड़े।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कोच सुरेंद्र कुमार बच्चों को नि:शुल्क कबड्डी के गुर सिखाते।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3hId7Tl

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...