पटियाला चौक पर स्थित पंवार इलेक्ट्राॅनिक शोरूम के थर्ड फ्लोर पर बने गोदाम में शुक्रवार सुबह शाॅर्ट-सर्किट से आग लग गई। पीछे रिहायसी इलाका होने से पड़कंप मच गया है। अपनी दुकान खोल रहे पड़ोसी ने मालिक को सूचना दी। फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी 20 मिनट में आग पर काबू पाया। जांच में पता चला कि यहां न तो फायर सेफ्टी उपकरण लगे थे। आग लगने के बाद पटियाला चौक पर ड्यूटी दे रहे होमगार्ड एसपी कुमार मौके पर पहुंच गए और फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के साथ ही आग बुझाने के लिए ऊपर गोदाम में पहुंच गए।
बैटरी का धुआं बना मुसीबत: बैट्रियाें में से निकले तेज धुएं फायर कर्मचारियों की आंखों में जलन महसूस भी हाेने लगी। फोन नहीं उठा तो बाइक से जाकर दी सूचना: पहले 101 नंबर डायल किया गया तो नहीं उठा। इसपर बाइक से ब्रिगेड ऑफिस जाकर आग की सूचना दी गई।
पड़ोसी से उपकरण लाया: दुकान में कोई उपकरण न होने से आग बुझाने के लिए नजदीक स्थित मिठाई की दुकान में रखे आग बुझाने वाले दो फायर सिलेंडर लाए गए। इसमें से एक ही चला। शोेरूम मालिक राजकुमार ने बताया कि ऊपर इनवर्टर, बैट्री चार्जिंग पर थे। इसके अलावा अन्य सामान भी पड़ा था, जो जल गया। स्पाॅर्किंग की वजह से आग लगी हो सकती है। फायर की सेफ्टी उपकरण के लिए ध्यान देंगे।
शहर में 7 हजार दुकानें, 500 से ज्यादा बड़े शोरूम, फायर एनओसी केवल मात्र 400 के पास
जींद | आग की भीषण हादसों के बाद भी दुकानदार- शो रूम मालिक फायर सेफ्टी उपकरणों के प्रति गंभीर नहीं हैं। फायर ब्रिगेड के आकड़ों के मुताबिक बीते छह साल में मात्र 400 दुकान व शोरूम मालिक ने एनओसी ली है, जबकि शहर में छोटी, बड़ी 7 हजार से अधिक दुकानें और शोरूम हैं । बीते साल सितंबर में दिल्ली, चंडीगढ़ में हादसों के बाद फायर विभाग ने नोटिस देना शुरू किया, लेकिन 25-30 दुकानदारों को नोटिस मिली। जिस दुकान आग लगी वहां भी फायर उपकरण नहीं थे।
ये हैं बाजार की स्थिति: शहर के मुख्य बाजार भी तंग गलियों में है, जहां गाड़ियों का पहुंचना आसान नहीं हैं पंजाबी बाजार से लेकर तांगा चौक या फिर तांगा चौक से सिटी थाने तक बाजार पूरा तंग है। पैदल भी लोग मुश्किल से निकल पाते हैं।
ये है नियम: नेशनल बिल्डिंग कोड व हरियाणा अग्निशमन अधिनियम के तहत स्कूल, कॉलेज, होटल, मैरिज पैलेस, अस्पताल, काॅमर्शियल भवन इत्यादि में अग्निशमन यंत्र लगाने और उनकी सुरक्षा का प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। बिल्डिंग के नक्शे भी तभी पास होते हैं जब दमकल विभाग एनओसी जारी करता है।
दुकान के ऊपरी गोदाम में आग लगी थी। जैसे ही उनके पास सूचना आई थी, तभी गाड़ी साथ भेज दी थी। कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया था। दुकान में न तो फायर उपकरण थे और न ही एनओसी ली हुई थी। उसे फायर उपकरण लगाने व एनओसी लेने को कहा गया है। पिछले साल कुछ नोटिस दिए गए थे, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण सारे नहीं बांटे जा सके थे।भूप सिंह, डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर
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