दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे के लिए जिले में अधिग्रहीत की गई जमीन की अवाॅर्ड प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है। इसका कारण दिल्ली में रह रही डीआरओ पूनम बब्बर का कोरोना संक्रमित होना है। इसी महीने पूरी होने वाली अवाॅर्ड प्रक्रिया अब डीआरओ के ऑफिस न आ पाने के कारण सितंबर में पूरी हो पाएगी। अवाॅर्ड प्रक्रिया में हो रही देरी का सरकार को नुकसान हो रहा है। भारी भरकम मुआवजा राशि पर सरकार को 12 प्रतिशत का ब्याज लग रहा है। सरकार द्वारा पहले ही यह प्रावधान किया गया है कि संबंधित किसान को जमीन की मुआवजा राशि के साथ-साथ जिस दिन जमीन अधिग्रहण का नोटिस जारी हुआ है उस दिन से लेकर अवाॅर्ड होने तक कुल मुआवजा राशि पर 12 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी देना होगा।
वहीं एक्सप्रेस वे के लिए जमीन के रेट तय करने की डीआरए व एलए ब्रांच द्वारा प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। लेकिन इसे फाइनल तभी समझा जाएगा जब इस पर डीआरओ की मंजूरी मिलेगी। बता दें कि एक्सप्रेस वे के लिए जिले के 16 गांवों में सैकड़ों किसानों की 949 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है और अब इसकी अवाॅर्ड प्रक्रिया ही होना बाकी है।
जमीन रेट के अनुसार किसानों को मिलेगा मुआवजा
- संबंधित गांव की जमीन का कलेक्टर रेट या फिर पिछले 3 साल में हुई ज्यादा कीमत की रजिस्ट्री के हिसाब से प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी जाएगी।
- नगपालिका की हदूद से अधिग्रहीत जमीन की 0 से 10 किलोमीटर दूरी पर जमीन के तय किए गए रेट पर 1.25 फैक्टर लगेगा। यानि तय रेट की फैक्टर के साथ गुणा की जाएगी।
- 10 से 20 किलोमीटर की दूरी पर जमीन के रेट पर फैक्टर 1.50 के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
- 20 से 30 किलोमीटर है तो फिर तय किए गए रेट पर फैक्टर 1.75 के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
- फैक्टर लगने के बाद जो मुआवजा राशि बनती है उस पर 100 प्रतिशत सोलिशियम मिलेगा। यानि मुआवजा राशि दोगुनी हो जाएगी।
- कुल मुआवजा राशि जो बनती है उस पर जमीन अधिग्रहण के नोटिफिकेशन से लेकर अवाॅर्ड होने तक 12 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।
इधर, नेशनल हाईवे 152 डी का निर्माण जोरों पर, 67.57 करोड़ का मुआवजा बंटना अब भी बाकी
कुरुक्षेत्र जिले के गंगाटेहड़ी गांव से लेकर नारनौल तक बनने वाले नेशनल हाईवे 152 डी के निर्माण के लिए जिले में इन दिनों कार्य जोरों पर चला हुआ है। वहीं नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन का अभी काफी किसानों को मुआवजा राशि मिलनी बाकी है। मुआवजा राशि के वितरण में हो रही देरी के कई कारण बताए जा रहे हैं। कुछ किसानों के अधिग्रहीत जमीन को लेकर पारिवारिक विवाद है। इस कारण उन्हें अभी तक मुआवजा राशि नहीं दी गई है।
नेशनल हाईवे 152 डी के लिए जिले में अधिग्रहीत की गई जमीन की कुल मुआवजा राशि 497 करोड़ 73 लाख 34 हजार 641 रुपए बनती है। इस राशि में से अभी तक 431 करोड़ 41 लाख 88 हजार 701 रुपए की मुआवजा राशि किसानों को बांटी जा चुकी है। अब भी 67 करोड़ 57 लाख से ज्यादा मुआवजा राशि बांटी जानी बाकी है। इसमें सबसे अधिक मुआवजा राशि जुलाना क्षेत्र के फतेहगढ़ गांव के किसानों की है। यहां की कुल मुआवजा राशि में से 58 प्रतिशत का ही वितरण हो पाया है। इसी तरह से कई और गांव भी हैं जहां के काफी किसानों को मुआवजा राशि मिलनी बाकी की है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3b5PTni