राइट टू रिकॉल बिल के विराेध सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को जिले के सरपंचों ने प्रदर्शन किया और गोहाना रोड पर डिप्टी सीएम का पुतला फूंका। इसके बाद सरपंच ज्ञापन देने के लिए लघु सचिवालय पहुंचे। इंतजार के बाद भी एसडीएम ज्ञापन लेने के लिए नहीं आए। इससे सरपंच क्षुब्ध हो गए और नाराजगी जाहिर करते हुए वापस रेस्ट हाउस पहुंच गए। यहां मीटिंग कर शुक्रवार को रोड जाम करने का निर्णय लिया गया।
सूचना पाकर खुफिया विभाग के कर्मचारी पहुंच गए और सीटीएम को बुलाकर ज्ञापन देने की बात सरपंचों को कही। सरपंचों ने सीटीएम को ज्ञापन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद डीसी डॉ. आदित्य दहिया को सूचना दी गई और कुछ देर बाद डीसी खुद ज्ञापन लेने के लिए रेस्ट हाउस पहुंचे। इसके बाद सरपंचों ने रोड जाम का निर्णय वापस ले लिया।
इससे पहले शुक्रवार सुबह सभी सरपंच प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में रेस्ट हाउस में एकत्र हुए। बैठक में राइट टू रिकॉल बिल का विरोध किया गया। प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जबसे सरकार आई है और दुष्यंत चौटाला पंचायत मंत्री बने हैं, तब से तुगलकी फरमान पंचायतों को लेकर जारी कर रहे हैं। पंचायत के खिलाफ अध्यादेश लाने का प्रयास किया गया है। यदि पंचायत मंत्री अध्यादेश लाते हैं तो वह पहले अपने हलके उचाना में इसका प्रयोग करें, तब सभी सरपंच इस्तीफे देने को तैयार हैं। सरकार राइट टू रिकॉल लाकर प्रतिनिधियों को आपस में लड़वाना चाहती है। हम सभी इसका विरोध करते हैं। यदि बिल लाना है तो पहले संसद, विधानसभा में लाया जाना चाहिए। इस अवसर पर संदीप, राजेश, महिपाल, राजेंद्र मौजूद रहे।
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