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अब खुद काम पर लाैटने लगे श्रमिक, यूपी और बिहार से ट्रेन में सवार हाेकर प्रतिदिन 500 से अधिक श्रमिक आ रहे हिसार

काेराेना से बचाव के मद्देनजर लाॅकडाउन के दाैरान जो श्रमिक यूपी और बिहार अपने घरों को गए थे, वो अब वापस हिसार लाैटने शुरू हाे गए हैं। प्रतिदिन गोरखपुर से करीब 500 श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हाेकर हिसार आ रहे हैं। हालांकि हिसार से गोरखपुर जाने वाले यात्रियाें की संख्या 200 से ऊपर नहीं है। कुछ श्रमिकाें से बात की ताे उन्हाेंने कहा कि यदि घर पर ही रहेंगे ताे भूखे मरने की नौबत आ जाएगी इसलिए अब काम पर लाैट रहे हैं।

दरअसल, काेराेना से बचाव के मद्देनजर जब लाॅकडाउन चल रहा था तब यूपी, बिहार, उत्तराखंड के हिसार में मजदूरी करने वाले श्रमिक अपने-अपने घराें काे लाैट गए थे। इसके कारण फैक्ट्रियाें से लेकर अन्य उद्योग धंधे भी प्रभावित हुए थे। काेराेना चलते अभी भी पैसेंजर ट्रेनाें का आवागमन बंद है। हिसार से स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही है, जो गोरखपुर के लिए जाती है।

शाम सवा चार बजे हिसार से गोरखपुर के लिए रवाना हाेती है, जबकि सुबह करीब सवा दस बजे गोरखपुर से हिसार पहुंचती है। रेलवे विभाग के सूत्राें के अनुसार प्रतिदिन हिसार से स्पेशल ट्रेन में प्रतिदिन करीब 200 यात्री रवाना हो रहे हैं जबकि लाैटने वालाें की संख्या 5्र00 से लेकर 700 पर जा पहुंची है। कई बार लाैटने वाली ट्रेन में सीट भी फुल हाेती है। बीकानेर डिविजन के सीपीआरओ अभय कुमार शर्मा का कहना है कि अब श्रमिक खुद ही काम पर लाैट रहे हैं। गोरखपुर से आने वाले यात्रियाें की संख्या भी बढ़ी है।

काम पर नहीं लाैटेंगे ताे काम क्या करेंगे
गोरखपुर से हिसार रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मनाेहर लाल, मामचंद, सावित्री देवी, मनाेरमा का कहना है कि लाॅकडाउन के दाैरान वह खाना आदि नहीं मिलने के कारण घर चले गए थे। घर पर काेई काम नहीं बचा है। यदि हिसार आकर काम नहीं करेंगे ताे फिर घर कैसे चलाएंगे। घर चलाने के लिए अब सभी श्रमिकाें ने वापस लाैटना शुरू कर दिया है। कानपुर का रमेश कहता है कि यदि काम पर नहीं आएंगे ताे परिवार भूखा मर जाएगा। इसलिए परिवार समेत हिसार में फैक्ट्री में काम करने के लिए आ गए हैं।



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रेलवे स्टेशन पर लाइन में खड़े यात्री।


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