जैन स्थानक स्कीम 5 में प्रवचन करते हुए मुनि राजेंद्र ने सत्य धर्म की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सत्यता सिर्फ हमारी जुबान का हिस्सा नहीं, हमारे जीवन का हिस्सा होना चाहिए। सत्य ही भगवान है। इस तरह हमारे शास्त्रकारों ने कहा है। मुनि ने कहा सत्य में नहीं, सत्य ही भगवान है। भगवान बनना अलग बात है और भगवान से मिलना अलग बात है। आप बताएं भगवान बनना है या भगवान से मिलना है। अगर भगवान से मिलना है तो एक बच्चे को खिलाओ और भगवान बनना है तो सत्य को अपनाओ।
महात्मा गांधी ने एक किताब लिखी ‘सत्य का प्रयोग’। इस किताब के अंदर महात्मा गांधी लिखते हैं कि सत्य का जीवन जिओगे तो आपका जीवन शुद्ध बना रहेगा। आज का वातावरण झूठ का वातावरण बना हुआ है। एक सर्वे के मुताबिक 37 प्रतिशत झूठ फोन पर बोला जाता है यानि आदमी सबसे ज्यादा झूठ अपने मोबाइल पर बोलता है। आदमी बैठा कहीं होता है और खुद को बताता कहीं है।
27 प्रतिशत आमने-सामने आदमी झूठ बोल देता है। 21 प्रतिशत आदमी संदेश के माध्यम से भी झूठ बोल देता है। 15 प्रतिशत ईमेल के माध्यम से आदमी झूठ बोल देता है। झूठे जीवन से आप क्या पाना चाहते हैं। झूठा जीवन सिर्फ हमें परेशानी ही देता है। एक व्यक्ति ने किसी नौकरी के लिए आवेदन दिया। दूसरी तरफ से व्यक्ति ने कहा मुझे ईमानदार-कर्मठ व्यक्ति चाहिए। दूसरी तरफ बोल व्यक्ति ने कहा कि सर आपका काम कैसा है। उस व्यक्ति ने कहा मेरा काम तो 2 नंबर का है।
पहले व्यक्ति ने कहा सर आपका काम दो नंबर का और आदमी चाहिए एक नंबर का। ये कैसे हो सकता है। काम दो नंबर का है तो आदमी भी दो नंबर का हो जाता है। काम एक नंबर का होगा तो काम करने वाला भी एक नंबर का बन जाएगा। कहने का अर्थ आप जिंदगी में क्या चाहते हो और क्या प्रयास कर रहे हो। इस अवसर पर प्रधान पी.सी. जैन, मुकेश जैन, अमित नंदी, नवीन जैन नगूंरा, प्रकाश जैन, डी. आर. जैन, श्री निवास जैन, राम निवास जैन, हरीश जैन, श्रावक रामचन्द्र जैन, मनीष जैन, कपिल जैन, विनोद जैन उपस्थित रहे।
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