Skip to main content

हैफेड ने आढ़त में की कटौती, डिप्टी सीएम से मिलेंगे आढ़ती

गेहूं के सीजन के कई महीने के बाद आढ़तियों के खाते में आढ़त आई। अभी तक खरीद एजेंसियों में से हैफेड द्वारा डाली गई आढ़त पर कटौती करने पर आढ़तियों ने कहा कि इसको लेकर वो डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मिलेंगे। दा फूड ग्रेन डीलर एसोसिएशन के कार्यवाहक प्रधान वीरेंद्र संदलाना ने कहा कि गेहूं के सीजन में सरकार आढ़तियों को निर्धारित सरकारी रेट पर ढाई प्रतिशत आढ़त देती है। जो हैफेड ने आढ़त आढ़तियों के खाते में डाली है उसमें 9 रुपए 62 पैसे प्रति क्विंटल की दर से आढ़तियों के काट कर दी है।

यह पूरी तरह से गलत है। एजेंसी द्वारा गेहूं में लस्टर लॉस बताकर आढ़तियों की आढ़त से रुपए काटे गए हैं। एसडीएम उचाना डॉ. राजेश कोथ को इसको लेकर ज्ञापन भी शुक्रवार को देंगे। संदलाना ने कहा कि लस्टर लॉस अगर किसी किसान की गेहूं में था तो उस समय ही एजेंसी द्वारा उसकी सूची बनानी चाहिए थी। जिस किसान की गेहूं के लस्टर लॉस था उस किसान को उसके हिसाब से ही अदायगी एजेंसी द्वारा करवानी चाहिए थी। आढ़तियों का इसमें कोई कसूर नहीं है। आढ़तियों की आढ़त से यह राशि बिल्कुल गलत तरीके से काटी गई है। इस पर वे डिप्टी सीएम से मिलकर वो पूरे मामले से अवगत करवाएंगे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2QCsPTL

Popular posts from this blog

आपसी संबंधों में आई खटास मिटाने को श्रीमद्भगवद गीता के दिखाए मार्ग पर चलें

गीता जयंती मनाने का अर्थ है मानव को मानव बनाने का अभियान। सही मायनों में इसे तभी सार्थक माना जाएगा, जब आपसी प्रेम, सद्भावना और हर घर में खुशी होगी। ये उद्गार प. रामचंद्र पाण्डेय ने व्यक्त किए। वह आध्यात्मिक गीता-ज्ञान प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में रामपुरा माेहल्ला स्थित श्रीगीता भवन में श्रद्धालुओं काे संबाेधित कर रहे थे। रामचंद्र ने कहा कि मानव के हाथों से बनाई गई मूर्ति की हम पूजा करते हैं और भगवान के हाथों से बनाए गए जीव आपस में लड़ते हैं। आपसी सम्बंधों में आई खटास को मिटाने के लिए गीता द्वारा दिखाए मार्ग पर चलें। हर समस्या का समाधान स्वयं हो जाएगा। भगवान के चरणों में शरणागति का उपदेश गीता है। पं. पतंजलि पांडेय ने भी गीता पर चर्चा करते हुए अनेक प्रसंग सुनाए। इससे पूर्व त्रिभुवन बक्शी, प्रेमलता, सुमित मित्तल, जितेश राखा ने भजनों की वर्षा की। प्रधान ऊषा बख्शी ने कहा कि गीता महाेत्सव पूरे साेशल डिस्टेसिंग के तहत मनाया गया। इस अवसर पर दयानंद बंसल, विनोद गोयल, गुलशन महाजन, कुलदीप चोपड़ा, कृष्णलाल मेहता, अत्तर चंद भुटानी, साहिल राजपाल, शांतिस्वरुप तनेजा, हरिप्रकाश सिंगल, यशपाल मुंडेजा

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं