लॉकडाउन के दौरान जिले में क्राइम पर पूरी तरह से लगाम लग गई थी। ज्यों ही अनलॉक हुआ तो जिले में क्राइम भी अनलॉक हो गया। इस दौरान लूट, डैकती, चोरी आदि की वारदात की खूब वारदात हुई। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इस अनलॉक पीरियड में एक के बाद एक जिले में हत्या की वारदात हुई। जून से लेकर सितंबर तक के अनलॉक के 122 दिनों में जिले में 34 लोगों के मर्डर हो गए।
लूट की इस दौरान 18 वारदात हुई। इसके अलावा चोरी, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म व मारपीट के भी खूब मामले जिलेभर के पुलिस थानों में दर्ज हुए। जबकि इसी समय अंतराल में पिछले साल में जिले में 25 लोगों के कत्ल हुए थे और लूट की 25 वारदात हुई थी। कोरोना काल में सफीदों क्षेत्र में सबसे अधिक हत्या की वारदात हुई। यहां डिडवाड़ा गांव के एक बाप द्वारा दो बेटियों का कत्ल कर हांसी-बुटाना नहर में फेंक दिया गया। वहीं पिछले सालों में उसके द्वारा की गई अपने बच्चों की हत्या के राज भी खुले और आरोपी जुम्मादीन के खिलाफ कई हत्या की कई एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा लूट की वारदात भी सफीदों क्षेत्र में सबसे अधिक हुई।
हिंगिस क्राइम में सफीदों क्षेत्र अव्वल, केस दर्ज होने के मामले में जींद शहर थाना आगे
अनलॉक के बाद जिले में हिंगिस क्राइम के मामले में सफीदों क्षेत्र सबसे आगे रहा है। हालांकि सफीदों के शहर व सदर थाने में जिले के अन्य पुलिस थानों की तुलना में जून से सितंबर में काफी कम केस रजिटस्टर्ड हुए। लेकिन इस दौरान सफीदों क्षेत्र में हत्या, लूट आदि की कई बड़ी-बड़ी वारदात हुई। जिले में अनलॉक के दौरान सबसे ज्यादा केस शहर थाना जींद में 230 दर्ज हुए। जबकि सदर थाना जींद में 183 केस दर्ज किए गए।
पिछले साल जून से सितंबर तक सदर थाना जींद में 156 केस ही दर्ज हुए थे। सिविल लाइन थाना जींद में 156 मामले दर्ज हुए। लेकिन पिछले साल इसी समय अंतराल में यहां पर 185 केस दर्ज किए गए थे। पुलिस के लिए राहत की बात यह है कि इन 4 माह में हुई हत्या के लगभग सभी वारदातों में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी तरह से लूट की दो-तीन वारदात को छोड़कर बाकी में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
अनलॉक में बढ़ा था क्राइम, अब आई कमी : अजीत सिंह
जून में अनलॉक होने के बाद काफी क्राइम बढ़ा था। लेकिन अब पिछले 2 माह में कमी आई है। अनलॉक के बाद क्राइम बढ़ने का कारण लॉकडाउन में लोग रंजिश नहीं निकाल पाए। ज्यों ही अनलॉक हुआ लोगों ने पुरानी रंजिश निकालनी शुरू कर दी। दूसरा बड़ा कारण लॉकडाउन में काफी संख्या में विभिन्न क्राइम मामलों में बंद लोगों का जेल से पेरोल, बेल पर बाहर आना है। बाहर आते ही वे फिर से आपराधिक घटनाओं में शामिल हो गए।- अजीत सिंह शेखावत, एएसपी जींद।
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