जो व्यापारी जीएसटी में ऑडिट नहीं करवाएगा, उस पर 25 हजार व इनकम टैक्स में ऑडिट नहीं करवाने वालों पर 1 लाख तक जुर्माना
त्योहारी सीजन में जीएसटी और इनकम टैक्स के ऑडिट की तारीख बढ़ने से करीब 20 व्यापारियों को राहत मिली है। जो व्यापारी ऑडिट नहीं करवाएगा उन पर सेल्स टैक्स और इनकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई निश्चित कर दी है। जीएसटी का ऑडिट नहीं करवाने वालों पर जहां 25 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा, वहीं इनकम टैक्स का ऑडिट नहीं करवाने वालों पर एक लाख रुपए तक या सेल का आधा प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से इनकम टैक्स की रिटर्न व ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथियों का विस्तार किया है। इनकम रिटर्न की अंतिम तिथि को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया गया है। ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया। इसके अतिरिक्त जीएसटी की वार्षिक रिटर्न भरने की अंतिम तारीख़ को भी 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया।
जिला कर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन के महासचिव एडवोकेट संजय मदान ने कहा कि त्योहारी सीजन में बड़ी राहत है। एसोसिएशन ने वित्त मंत्रालय से मांग की है कि अनुभवी एडवोकेट को भी ऑडिट रिपोर्ट करने की मंजूरी दी जाए। अब व्यापारियों को दो जगह चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। पहले वह टैक्स एडवोकेट से डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करवाते हैं और फिर सीए के पास जाते हैं। जो एडवोकेट 15 साल से प्रेक्टिस कर रहे हैं, उनको भी ऑडिट करने की पॉवर दी जाए।
जिले में कोरोना के चलते बाजार गति नहीं पकड़ पाया है। 40 प्रतिशत ही मार्केट अप हो पाई है। दीपावली तक मार्केट 100 प्रतिशत अप होने के कारण व्यापारियों को राहत दी है। यदि जीएसटी और इनकम टैक्स की तारीख नहीं बढ़ती तो व्यापारी इनके डॉक्यूमेंट्स पूरे करने में व्यस्त रहता। वह व्यापार की तरफ ध्यान नहीं दे पाता। अब 31 दिसंबर और 31 जनवरी तक अंतिम तारीख करने के कारण व्यापारी काे ऑडिट की त्रुटियों को दूर करने का टाइम मिल गया है। जिले में एक लाख से ज्यादा व्यापारी हैं, जो इन दोनों विभागों के ऑडिट में आते हैं।
जीएसटी का वर्ष 2018-19 और इनकम टैक्स का 19-20 का ऑडिट जिला कर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट संजय मदान बताते हैं कि वर्ष 2018-19 के जीएसटी का ऑडिट करवाना है। यह ऑडिट 5 करोड़ या इससे ऊपर के टर्नओवर वालों के लिए जरूरी है। वार्षिक रिटर्न भी दो करोड़ से ऊपर वालों को भरना बहुत जरूरी है। इनकम टैक्स में वर्ष 2019-20 वालों को ऑडिट करवाना है। एक करोड़ से ऊपर समेत अन्य कैटेगिरी वाइज ऑडिट करवाना है। कोरोना काल में व्यापारियों का काम नहीं चल पाने के कारण रिकवरी बहुत कम है। इसलिए त्योहारी सीजन में रिकवरी पूरी करने के लिए दोनों विभागों ने अंतिम तारीख बढ़ाई है। ताकि व्यापारी निश्चित होकर अपने व्यापार पर ध्यान दें पाएं।
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