अस्पताल में बढ़ी खांसी, जुकाम, बुखार के मरीजों की संख्या, कोरोना है या वायरल चिकित्सकों के लिए पहचान कर पाना हो रहा मुश्किल
ज्यों-ज्यों मौसम बदल रहा है। ठंड में इजाफा हो रहा है। सिविल अस्पताल ओपीडी में खांसी, जुकाम और बुखार पीड़िताें की संख्या में इजाफा हो गया है। ओपीडी में आ रहे 50 प्रतिशत अधिक मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण मिल रहे हैं। इस दौरान चिकित्सकों के लिए भी यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि मरीज को बदले मौसम के कारण दिक्कत है या उसे वायरल या कोरोना है।
इस दौरान चिकित्सक मरीज की पहले पूरी हिस्ट्री का पता करते हैं। यदि कोई कोरोना के हाई रिस्क जोन से मरीज आया हुआ है तो फिर उसे सबसे पहले कोरोना टेस्ट कराने की ही सलाह देते हैं। ताकि समय रहते पता चल जाए। इसके बाद ही कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज का उपचार किया जाता है। हालांकि जिले में पिछले कई दिनों से कोरोना संक्रमण में काफी कमी आई है। लेकिन मरीजों को मिल रहे कोरोना जैसे लक्षणों से चिकित्सक और मरीज असमंजस में हैं।
चिकित्सक के सामने हिस्ट्री न छुपाएं
कोरोना है या फिर वायरल इसकी पहचान के लिए चिकित्सकों की मरीजों को सलाह है कि जब भी चेकअप कराएं। डॉक्टर को पूरी हिस्ट्री बताएं। कौन से एरिया से मरीज आया है। घर में या फिर आस पड़ाेस में किसी को पहले कोरोना तो नहीं है। इन सब बातों के बताने से चिकित्सक को पता चल पाएगा कि मरीज को कोरोना है या फिर वायरल हुआ है।
बदलते मौसम में फ्रिज में रखी वस्तुओं को न खाएं। इससे गला खराब होकर वायरल हो सकता है। यदि मरीज को लगता है कि उसे कोरोना के लक्षण हैं तो वह चिकित्सक के सामने पूरी हिस्ट्री बताए, कोई भी बात छुपाए नहीं। इससे कोरोना संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी। क्योंकि एक-दो लक्षण को छोड़कर वायरल व कोरोना के लक्षण लगभग एक समान हैं। -डाॅ. राजेश भोला, डिप्टी एमएस, सिविल अस्पताल जींद।
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