
शुगर मिल की ओर से फतेहाबाद के गन्ने की 15 लाख क्विंटल बॉडिंग करवाने से किसानों में मिल प्रबंधक के खिलाफ रोष है। किसानों के अनुसार जब लोकल गन्ना किसानों ने 40 लाख क्विंटल का उत्पादन किया है तो बाहरी गन्ना क्यों खरीदा जा रहा है। कई दिन पहले किसानों ने बाहरी गन्ने की बॉडिंग का विरोध किया था। किसानों का कहना है कि लोकल गन्ने की पेराई होने के बाद ही दूसरे जिले का गन्ना लिया जाए। इससे किसानों को नुकसान होने का अंदेशा बहुत कम होगा और समय पर पेराई हो सकेगी।
अभी गन्ना पेराई सीजन शुरू होने में डेढ़ माह का समय है और अभी से किसानों बाहरी गन्ने की पेराई के विरोध में उतर आए हैं। किसानों ने बताया कि बाहरी गन्ना आने से किसानों का नंबर समय पर नहीं आ पाता, जिसके चलते किसानों को मजबूरी में पंजाब व पिहाेवा की शुगर मिल जाना पड़ता है और वहां भी गन्ने की पेराई तो की जाती है, लेकिन आने-जाने का खर्च अधिक हो जाता है। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं मिल प्रबंधक अभी तक 28 से 32 लाख गन्ने पेराई का लक्ष्य लेकर चलती है।
कोरोना काल में आना शुरू हुआ है दूसरे जिले से गन्ना
कोरोना काल आने के कारण जूस वाला गन्ना भी ठीक से नहीं लग पा रहा। इसमें फतेहाबाद का गन्ना स्पेशल गन्ने का जूस के लिए होता है और अब कोरोना महामारी के कारण मार्केट में नहीं लग रहा। इसके कारण जींद शुगर मिल से गन्ने की पेराई करवाने के लिए बॉडिंग करवाई गई है। इसके साथ ही हिसार के हांसी, किन्नर नाडा, कैथल जिले के कुछ गांव का 2 से 5 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की गई है।
सभी किसानों के गन्ने की पेराई होगी : एमडी
अभी सरकार ने गन्ने उत्पादक किसानों की खेती का सर्वे करवाया है और दूसरे जिलों की हुई बॉडिंग अभी पक्की नहीं है। फतेहाबाद का गन्ना महम में भी शिफ्ट किया जा सकता है। किसी भी किसान को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। समय पर गन्ने की पेराई होगी। -राजेश खाेथ, एमडी शुगर मिल जींद।
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