
शहर में धड़ल्ले से चल रहे चारों तरफ विकास के काम से उड़ रही धूल व खुले में रखी व सप्लाई हो रही निर्माण सामग्री प्रदूषण के बढ़ते जा रहे स्तर में एलर्जी व खांसी जुकाम का कारण बनती जा रही है यह बात एनजीटी ने कही है।
इसे रोकने के लिए प्रशासन अभी तक कोई पहल नहीं कर पाया है। सोमवार को बहादुरगढ़ की हवा और अधिक प्रदूषित हाे गई एक्यूआई 350 पार पहुंचा। शहर में सुबह व शाम पानी का छिड़काव की सलाह।
रविवार के दिन बहादुरगढ़ में वायु प्रदूषण में भी काफी उछाल था पर सोमवार को हाईवे पर निकले वाहनों के काफिले व सड़कों पर काला धुआं छोड़ रहे वाहनों के कारण सर्दियों का सीजन पहले के सालों की तरह ही आता दिख रहा है।
हालांकि, इस बार सर्दियों के प्रदूषण पर रोकथाम के प्रयास लगभग दो महीने पहले ही शुरू किए गए थे। पर बहादुरगढ़ में कवल कागजी कार्रवाई के सिवा यहां कुछ भी नहीं हो पाया। रविवार के दिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 के अंक पर रहा।
जबकि सोमवार को प्रदूषण का ग्राफ 350 को भी पार कर गया। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। पीएम 2.5 की मात्रा 183 कण प्रति घन मीटर रही।
बच्चाें व बुजुर्गाें काे घर रहने की सलाह :
हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 से नीचे और पीएम 2.5 की मात्रा 60 से नीचे रहने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। पर यहां दोनों ही स्थिति में सुबह और शाम के समय ज्यादा प्रदूषण बहादुरगढ़ में सुबह और शाम के समय अब हल्की ठंड का असर गहराने लगा है।
इसके साथ ही सुबह और शाम के समय हवा की रफ्तार सुस्त हो जा रही है। इसके चलते सुबह और शाम के समय प्रदूषण की स्थिति तुलनात्मक रूप से ज्यादा रहती है।
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