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भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारी में किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए ठोस नीतियां बनाने की जरूरत : महापात्रा

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी हरियाणा चैप्टर करनाल ने वेबिनार आयोजित किया। कोविड-19 के तहत कृषक समुदाय को चुनौती और छोटे किसानों पर प्रभाव और महामारी से आजीविका के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा को खतरा विषय पर बातचीत की गई। डाॅ. टी महापात्रा अध्यक्ष एनएएएस और डीजी आईसीएआर नई दिल्ली, डॉ. एमएल मदान, संयोजक एनएएएस हरियाणा चैप्टर और पूर्व डीडीजी (पशु विज्ञान) ने वेबिनार का नेतृत्व किया।

एनडीआरआई निदेशक डॉ. एमएस चौहान और डाॅ. एके मोहंती प्रमुख वैज्ञानिक ने वेबिनार का समन्वय किया। डॉ. एके मोहंती ने वेबिनार के विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. टी महापात्र ने अपने उद्घाटन भाषण में देश में कृषक समुदाय पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में चर्चा की और साथ ही उत्तर पश्चिमी भारत के किसानों द्वारा विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान राज्य में आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया की राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी भविष्य में महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए किसान केंद्रित नीतियां पर जोर दे रही है।

आज इस वेबिनार में कृषि और डेयरी के 3 प्रगतिशील किसानों सहित कुल 9 प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिकों और प्रशासकों ने किसानों, सरकार की नीतियों और भविष्य में इस समस्या से निपटने के लिए कोविड-19 के प्रभाव पर अपने विचार प्रस्तुत किए। वेबिनार में कुल 125 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। एनडीआरआई के निदेशक डा. एमएस चौहान ने डेयरी किसानों और डेयरी उद्योग के सामने आने वाली समस्या और किसानों को होने वाले नुकसान पर गहन चर्चा की। अधिकांश वैज्ञानिकों ने माना कि कोविड-19 ने कृषि और डेयरी उत्पादन इनपुट और आउटपुट की आपूर्ति शृंखला को गंभीरता से बाधित किया।



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