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अंत्योदय आहार योजना के तहत चल रही कैंटीन को पुराने बस स्टैंड पर किया जाना था शिफ्ट, कोरोना काल से पड़ी बंद

कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियां लंबे समय से बंद होने से गरीब के सामने आर्थिक संकट हैं, वहीं गरीबों के लिए चल रही कैंटीन प्रशासनिक लापरवाही से बंद हैं। सैकड़ाें मजूदरों व लोगों का 10 रुपए में पेट भरने वाली दुर्गा कॉलोनी की गली नंबर 10 फूसगढ़ में बनी कैंटीन क्यों बंद है, इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी नहीं है। जबकि दो साल पहले अंत्योदय आहार योजना के तहत चल रही इसकी कैंटीन की जरूरत को देखते हुए इसे बस स्टैंड पर शिफ्ट किया जाना था, जिससे और अधिक लोग लाभ ले सकें।

लेकिन मार्च में इस कैंटीन को बंद कर दिया गया। अबतक इसको खोलने को लेकर किसी कोई जानकारी नहीं है, जबकि नई सब्जी में ऐसी कैंटीन फिर से चालू कर दी गई है। इस कैंटीन न खुलने से मजदूर परेशान हैं। जबकि नई सब इतना ही नहीं यहां काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोना काल से पहले के चार माह का वेतन भी नहीं मिला है।

इस कैंटीन का उद्घाटन 2018 में 15 अगस्त पर तत्कालीन विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने किया था। इसको श्रम विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा था। कोरोना काल से पहले इस कैंटीन को रेड क्रॉस को सौंप दिया है। कैंटीन शुरू करने के लिए कोई जिम्मेदार संवेदनशील नहीं लगता है। रेडक्रॉस कैंटीन बंद होने को लेकर अब ठेकेदार से पूछेगा।

नई सब्जी में किसान व मजदूरों के लिए 10 रुपए में भोजन के लिए खोली गई अटल किसान मजदूर कैंटीन कोरोना काल में कुछ दिन के लिए ही बंद की गई। 5 मई को इससे दोबारा शुरु कर दिया गया। ये कैंटीन स्वयं महिला सहायता समूह भूसली की ओर से कैंटीन को चलाया जा रहा है। कैंटीन की इंचार्ज ने बताया कि शिक्षा देवी ने बताया कि कोरोना काल का असर कैंटीन पर बहुत नहीं हुआ। पहले 700 से 750 लोग आते थे। अब 300 से 450 लोग आते हैं। पहले कैंटीन में स्वंय साहयता की 16 महिलाएं काम करतीं थीं अब काम घटने से 9 हो गई हैं। उनको 8 हजार रुपए प्रतिमाह महिलाओं को दिया जा रहा है।

कैंटीन में काम करने वाले चार माह का नहीं मिला वेतन

कैंटीन में काम करने वाले व्यक्ति रामदारी ने बताया कि कोरोना काल से पहले के चार माह का वेतन पांच व्यक्तियों को नहीं मिल पाया है। कैंटीन भी अभी तक शुरु हो पाई है। कोरोना काल में घर चलाना मुश्किल हो गया है। आलम ये कि अब कैंटीन चलना मुश्किल हो गया है।



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The canteen running under the Antyodaya Diet Scheme was to be shifted to the old bus stand, closed since the Corona period


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