जींद के विधायक के आरोपों की जांच अब स्थानीय नगर निकाय विभाग के सहायक आयुक्त करेंगे। स्थानीय नगर निकाय विभाग के एसीएस ने इस मामले की जांच सहायक आयुक्त को सौंप दी है। जींद के विधायक ने चार माह पहले जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में नगर परिषद में 5 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए थे। विधायक ने इसकी शिकायत गृह मंत्री एवं स्थानीय नगर निकाय मंत्री अनिल विज से की थी। इस मामले में प्राथमिक जांच जिला नगर आयुक्त डॉ. सुशील कुमार की तरफ से की गई।
जिला नगर आयुक्त ने अपनी जांच पूरी करके 21 सितंबर को मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट बनाकर भेज दी थी, जिसमें उन्होंने कई मामलों में नगर परिषद में लापरवाही मिली थी। विधायक द्वारा 400 पेजों से अधिक की शिकायत सबूतों सहित स्थानीय नगर निकाय मंत्री को भी सौंपी थी। डीएमसी द्वारा प्राथमिक जांच पूरी करने के बाद उसे मुख्यालय भेज दिया था। साथ ही नियमित जांच की सिफारिश की थी। इस पर एसीएस ने रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए अब जांच की नियमित जांच विभाग के सहायक आयुक्त को सौंप दी है।
लगभग 20 दिन पहले शहर के पार्षदों ने वार्ड 5 से पार्षद कर्मबीर उर्फ मोना व वार्ड 30 से पार्षद राममेहर के खिलाफ चल रही जांच में प्रशासन द्वारा सही कार्रवाई न करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रशासन दबाव में काम कर रहा है। फिलहाल विपक्षी पार्षदों को इन दोनों पार्षदों की गई रिपोर्ट पर कार्रवाई होने का इंतजार है।
एनओसी लेने के लिए भटक रहे लोग, डीएमसी के पास पहुंची शिकायतें
रजिस्ट्री के लिए टोकन ऑनलाइन होने के चलते पहले नगर परिषद से एनओसी लेनी पड़ती है, लेकिन शहर के लोग लंबे समय से एनओसी के लिए चक्कर काट रहे हैं। नगर परिषद की तरफ से एनओसी के लिए लोगों को राहत नहीं दी जा रही। इसके अलावा कुछ काॅमर्शियल एरिया को रेजिडेंस एरिया में दिखाकर एनओसी जारी होने के मामले भी अधिकारियों के संज्ञान में लाए गए हैं। ऐसे में अब एनओसी नहीं मिलने की शिकायतें जिला नगर आयुक्त के पास पहुंच चुकी हैं। जिला नगर आयुक्त ने सभी एनओसी का रिकाॅर्ड नगर परिषद से तलब कर लिया है। इसकी जांच जिला नगर आयुक्त करेंगे कि क्या दिक्कतें आ रही हैं और किस प्रकार एनओसी जारी हुई है।
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