Skip to main content

आईसीयू वार्ड के लिए 2 माह पहले आया था 10.66 लाख का बजट, अभी टेंडर प्रकिया भी नहीं हो पाई पूरी

सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में कोरोना व अन्य मरीजों की सुविधा के लिए बनाया जाने वाले आईसीयू वार्ड अभी फाइलों तक ही सीमित है। इस आईसीयू वार्ड के लिए करीब दो माह पहले स्वास्थ्य विभाग ने 10.66 लाख का बजट जारी किया था। इसके बाद इसे पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर कर दिया गया था लेकिन अभी तक आईसीयू वार्ड के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

सिविल अस्पताल के सबसे जरूरी इस प्राेजेक्ट के बनकर तैयार न होने के कारण गंभीर रोगियों को पीजीआई रोहतक रेफर करना पड़ रहा है। आईसीयू वार्ड कब तक बनकर तैयार होगा इसकी फिलहाल कोई भी डेडलाइन तय नहीं की गई है। इससे साफ है कि आईसीयू बनने में अभी और काफी समय लगेगा। पिछले दिनों एसीएस डाॅ. राजीव अरोड़ा ने कोविड संक्रमण को देखते हुए जल्द ही सिविल अस्पताल में आईसीयू वार्ड तैयार करने के आदेश दिए थे। लेकिन इन आदेशों के बाद अभी तक धरातल पर इस पर कोई भी काम शुरू नहीं हो पाया।

इसी तरह से करीब दो माह पहले ही सरकार ने सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में ऑक्सीजन सेंट्रलाइज सप्लाई पाइप लाइन प्राेजेक्ट के लिए 69 लाख रुपए का बजट जारी किया था। इस प्राेजेक्ट पर भी अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है। इस प्राेजेक्ट के तैयार होने से सिविल अस्पताल पुरानी बिल्डिंग में हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होती और इसके बाद ऑक्सीजन सिलेंडर लाने ले जाने का झंझट ही खत्म हो जाता।

दोनों प्राेजेक्ट का बजट पीडब्ल्यूडी को जा चुका है
सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में आईसीयू वार्ड बनाने व ऑक्सीजन सेंट्रलाइज पाइप लाइन व्यवस्था करने का आया बजट पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर हो चुका है। अब इन प्राेजेक्ट के लिए पीडब्ल्यूडी को ही टेंडर छाेड़ना है।
-डाॅ. गोपाल गोयल, एसएमओ सिविल अस्पताल जींद।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37NrTpq

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D...

बच्चे पैंगोंग झील के पास बेखौफ घूम रहे, पर्यटकों के लिए भी खुल गया फिंगर-4 के नजदीक का यह गांव, लोग बोले- अब सब नॉर्मल

(मोरुप स्टैनजिन) चीन के साथ जारी तनाव के बीच लद्दाख के आखिरी रहवासी गांव मान-मेराक में अब जिंदगी पहले जैसी हो गई है। सभी प्रकार की पाबंदियां हटा ली गई हैं। संचार व्यवस्था बहाल हो गई है और पर्यटकों के लिए भी अब कोई रोक-टोक नहीं है। 2 महीने पहले यहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। तनाव के गवाह रहे फिंगर-4 इलाके के पास स्थित पैंगोंग झील अब फिर से बच्चों और स्थानीय लोगों से गुलजार है। यहां आसपास के लोगों से बात करो तो कहते हैं- इंडियन आर्मी ने चीनियों को पीछे खदेड़ दिया है। अब डरने जैसी कोई बात नहीं है। 'सर्दियों में लोग पहले की तरह अपने मवेशी फिंगर फोर तक ले जा सकेंगे' एरिया काउंसलर (स्थानीय जनप्रतिनिधि) स्टैनजिन कॉनचॉक के मुताबिक, 15-16 जून गलवान घाटी की घटना के 2 महीने बाद तक यहां के लोगों ने सेना की सख्त पहरेदारी में जिंदगी गुजारी है। लेकिन, अब जीवन सामान्य हो रहा है। सेना और स्थानीय लोग मिलकर सड़क और भवनों के निर्माण में युद्धस्तर पर लगे हुए हैं क्योंकि सर्दियां शुरू होते ही काम करने में दिक्कत आएगी। स्टैनजिन ने बताया, हमने नोटिस किया है कि चीनी पीछे हट रहे हैं। इं...

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...