सिटीजन फीडबैक के 1500 से बढ़कर हुए 1800 अंक, निगम को अच्छे रैंक के लिए जनता को करना होगा संतुष्ट, सफाई को रखना होगा मेंटेन

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जनता की भागीदारी अधिक रहेगी। कुल 6000 अंकों के इस बार के सर्वेक्षण को चार के बजाए तीन कैटेगरी में बांटा गया है। इनमें सिटीजन फीडबैक के नंबर 1500 से बढ़ाकर 1800 कर दिए हैं। इसके अलावा 2400 अंक प्रोसेसिंग और 1800 अंक स्टार रेटिंग के निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में निगम को धरातल पर सफाई कार्यों को मेंटेन रखना होगा।
सर्वेक्षण में अच्छे अंकों व रैंक के लिए शहर की सफाई में जनता को संतुष्ट करना होगा। आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में कागजों की बजाए धरातल पर अधिक से अधिक सफाई कार्य को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने नए मापदंडों में सिटीजन फीडबैक को अधिक महत्व दिया है। इसी के चलते आम लोगों के फीडबैक अर्थात सिटीजन वॉयस के अंकों को 25 से 30% बढ़ाकर 1800 अंकों तक कर दिया है। सर्विस लेवल प्रोसेस के लिए सबसे ज्यादा 40 फीसदी यानी 2400 अंक दिए गए हैं।
धरातल पर दिखानी होगी स्वच्छता
आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय भारत सरकार ने इस बार चार की बजाए तीन कैटेगरी बनाते हुए अंकों को इस तरह से विभाजित किया है कि जिससे सर्वेक्षण पर उस शहर के लोगों को पक्ष मजबूत हो। इसके मद्देनजर सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन वॉयस के अंकों को अधिक किया गया है। इन दोनों कंपोनेंट के 4200 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि 1800 अंक सर्टिफिकेट आधारित किए गए हैं। इनको भी दो जगह डिवाइड किया गया है।
सिटीजन फीडबैक के लिए यह रहेगी कैटेगरी
14 साल से अधिक उम्र के छात्र, एनजीओ, सरकारी अधिकारी, सामाजिक संगठन, सिविल सोसायटी, शहर के प्रमुख नागरिक रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व्यापारी संगठन अस्पताल निजी कार्यालय शामिल रहेंगे।
सिटी में हर पार्क में 5 लोगों से, शहर के 1% दुकानदारों से 5% होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला से, 10 % एजुकेशन इंस्टीट्यूट से, 5% रेस्टोरेंट, ढाबा से, 5% बल्क वेस्ट जेनरेटर व 1 % सरकारी या प्राइवेट ऑफिस से, 10% पर्यटन क्षेत्र से फीडबैक ली जाएगी।
प्रेरक दौड़ सम्मान भी रहेगा महत्वपूर्ण
शहर में स्वच्छता को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए प्रेरक दौड़ सम्मान भी महत्वपूर्ण रहेगा। पांच तरह के प्रेरक दौड़ सम्मान दिए जाएंगे। इस बार जो प्रेरक दौड़ सम्मान दिए जाएंगे, उनमें सबसे बेस्ट शहर को दिव्या (प्लेटिनम) सम्मान दिया जाएगा। इसके उपरांत इस क्रम में अनुपम (गोल्ड) उज्ज्वल (सिल्वर) उदित (ब्रॉन्ज) आरोही (एस्पायरिंग) शामिल हैं। इनसे स्वच्छता की कैटेगरी निर्धारित होगी।
निगम के सामने इस बार बड़ी चुनौती
निगम के सामने इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में उत्तर भारत में टॉप पोजीशन लेने की भी चुनौती रहेगी। क्योंकि नगर निगम की ओर से इस बार कांट्रेक्टर पर सफाई को बंद कर दिया गया है। पूरा काम नगर निगम के सफाई बेड़े और अधिकारियों की सक्रियता पर निर्भर करता है। क्योंकि पहले अकेले ठेकेदारों के तहत सफाई कार्य पर ही 27 करोड़ रुपए सालाना खर्च होते थे। इसके अलावा रेगुलर सफाई कर्मचारियों की सेलरी का अलग से खर्च होता था। करनाल को 17वें नंबर से टॉप 10 में लाने के लिए डोर डू डोर कचरा कलेक्शन को बेहतर बनना होगा, ताकि सड़कों पर कचरे ढेर न लगने पाएं। नगर निगम की ओर से शहर से निकलने वाले कचरे के लिए सुनियोजित डंपिंग प्वाइंट और कंपोस्ट पिट बनाने का काम भी अधूरा पड़ा हुआ है।
इस बार फिर से टाॅप टेन में आने का लक्ष्य
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर हर प्रकार से बेहतर कार्य करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2020 के सर्वेक्षण में करनाल 24वें स्थान से 17वें स्थान पर आ पहुंचा है। इस बार फिर से टाॅप टेन में आने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण में जनता की भागीदारी को अधिक तवज्जो दी गई है। इस बार सिटीजन फीडबैक अंकों को 25 से बढ़ाकर 30% किया गया है। -प्रशांत त्यागी, स्वच्छ भारत मिशन।
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