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लॉकडाउन में थमी तो अनलॉक में फिर बढ़ गई सड़क दुर्घटनाएं, पिछले आठ महीने में 217 लोग हुए शिकार

गुड़गांव में सड़क हादसे बेशक लॉकडाउन रहने के कारण कम हुए हैं, लेकिन अनलॉक होने के बाद तेजी से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। गुड़गांव में पिछले आठ महीने में 217 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2019 में हुई 1185 सड़क दुर्घटनाओं में 402 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह वर्ष 2018 में 1285 सड़क हादसों में 464 लोगों की जान चली गई थी।

लॉकडाउन के कारण सबसे बड़ा हादसा केएमपी पर हुआ था, जहां केएमपी एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के नजदीक एक तेज रफ्तार कैंटर ने टक्कर मार दी थी, जिससे मौके पर ही एक बच्चा समेत पांच की मौत हो गई थी, जबकि पांच से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कोरोना काल में सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वालों की संख्या काफी कम हो गई थी, लेकिन अनलॉक में सार्वजनिक प्रतिष्ठान व उद्योगों में काम शुरु हो जाने के कारण एक बार फिर सड़क हादसों का सिलसिला शुरू हो गया।

कोरोना से मरने वालों की संख्या 170 हो चुकी है, लेकिन इस अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में भी वृद्धि देखी गई है। पैदल सड़क पार करते हुए व दोपहिया वाहन चालक सड़क दुर्घटना का अधिक शिकार हो रहे हैं। गुडग़ांव में यदि पिछले वर्षों के सड़क हादसों पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2018 में जहां 1285 दुर्घटनाएं हुई, वहीं 464 लोगों की जानें भी गई हैं। इसी प्रकार वर्ष 2019 में 1185 सड़क दुर्घटनाएं हुई और 402 लोग जान से हाथ धो बैठे। इसी प्रकार वर्ष 2020 में करीब 485 सड़क दुर्घटनाएं हुई और 217 लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं। इस वर्ष के आंकड़े अगस्त माह तक के बताए जाते हैं। जान गंवाने वाले 217 लोगों में से करीब 40 प्रतिशत पैदल चलने वाले राहगीर रहे हैं। सड़क पर तेज गति से दौडऩे वाले वाहन राहगीरों को दुर्घटना का शिकार बना देते हैं।

जिले की सड़कों पर 24 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं
शहरी क्षेत्र में 24 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, जिनमें दुर्घटनाओं की संभावनाएं अधिक बनी रहती हैं। इन स्पॉटों में राजीव चौक, हीरो होंडा चौक, खांडसा, नरसिंहपुर, बिलासपुर चौक व आईएमटी मानेसर चौक आदि शामिल हैं। यातायात पुलिस के एसीपी संजीव बल्हारा का कहना है कि पुलिस का सदैव यह प्रयास रहता है कि यातायात सुगमता से चले। वाहन की तेज गति को भी नियंत्रित करने के लिए यातायात पुलिस अभियान शुरु करती रही है। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाता है। यातायात पुलिस का यही प्रयास है कि दुर्घटनाएं कम से कम हों या फिर बिल्कुल न हों, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सकता। पुलिसकर्मी अपनी ओर से यातायात को नियंत्रित करने में लगे रहते हैं।

पिछले तीन साल में हादसों में इस बार कमी रही है
पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी सड़कें तो खाली हो गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी कई हादसे हो गए थे। केएमपी पर एक बच्चे समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। लेकिन पिछले तीन साल में हादसों में इस बार कमी रही है।



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गुड़गांव. फर्रुखनगर में सड़क दुर्घटना में डंपर की टक्कर से छतिग्रस्त मोटरसाइकिल।


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