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जजपा शहरी जिलाध्यक्ष कांबोज ने पार्टी प्रदेश प्रवक्ता पर दर्ज कराया केस, आराेप- कस्सी से हमला किया

ताऊ देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को सेक्टर-8 में ताऊ देवीलाल भवन में लगाए रक्तदान कैंप में जो पार्टी नेताओं में लड़ाई हुई थी अब वो थाने तक पहुंच गई है। जजपा के टिकट पर अम्बाला सिटी हलके से विधानसभा चुनाव लड़ चुके शहरी जिला अध्यक्ष हरपाल सिंह कांबोज ने पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक चौधरी ललाना समेत कई पर सेक्टर-9 थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। जिसमें आरोप है कि ललाना ने उनके ऊपर कस्सी से हमला किया। विवाद में पगड़ी उतरने से धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। कांबोज का कहना है कि उनका भतीजा विरेंद्र सिंह अभी भी अस्पताल में उपचाराधीन है।

घटना के 2 दिन बाद हरपाल सिंह की शिकायत पर सेक्टर-9 पुलिस ने विवेक ललाना, राकेश व अन्य पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, अपमानित करने, रास्ता रोक कर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने व आर्थिक क्षति पहुंचाने की धाराओं में केस दर्ज किया है। हरपाल सिंह ने पुलिस को शिकायत दी कि ताऊ देवीलाल जयंती पर वह रक्तदान करने वालों की हौसला अफजाई कर रहे थे, तभी विवेक चौधरी उनसे बहस करने लगा। विवेक ने उनकी बाजू मरोड़ दी और गाली गलाैज करने लगा।

आराेपी मारपीट कर उन्हें हाॅल से बाहर धकेल दिया। हरपाल के मुताबिक वह शर्म के मारे बाहर कार्यकर्ताओं में आकर बैठ गया था। जब वह कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहा था तभी विवेक ने मिया माजरा के राकेश के साथ उस पर दोबारा हमला कर दिया। विवेक ने उसके ऊपर कस्सी से वार किया। वहां मौजूद उसके भतीजे विरेंद्र सिंह जब उनके बचाव में आया तो 5-6 लोगों ने विरेंद्र पर कस्सी, डंडे व धारदार हथियारों से हमला कर दिया। विरेंद्र को बचाने कृष्णा सोढ़ी आगे आईं तो राकेश ने उन पर भी कस्सी से वार किया।

कृष्णा सोढ़ी को उनके बेटे व अन्य ने बचाया। बीचबचाव कर रहे लोगों ने उन्हें व उनके भतीजे को इन लोगों से बचाते हुए गाड़ी में बिठाया ताे आराेपियाें ने उनकी गाड़ी पर भी कस्सी व डंडों से हमला कर खिड़की का शीशा तोड़ते हुए उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की। उनका ड्राइवर गाड़ी को भगा ले गया और उन्हें सिविल अस्पताल पहुंचाया। उसके भतीजे को एडमिट करवाया।

जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा, एफआईआर कैंसिल होगी : ललाना

रक्तदान शिविर पर ऐसा कोई झगड़ा नहीं हुआ, जैसा पुलिस को दी शिकायत में बता दिया। यह तो बस पार्टी का आपसी मामला था। मैंने पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी बात रख दी है। इस विषय में पार्टी जो फैसला लेगी वह मंजूर होगा। पगड़ी उतारने जैसे आरोप निराधार हैं। मैंने या किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया। सही बताऊं तो हमला हमारे ऊपर ही हुआ है। इस संबंध में हमने भी पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन पता नहीं क्यों हमारी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई। बाकी पुलिस की जांच में सबकुछ सामने आ जाएगा। जो लोग वहां मौजूद थे, उनके भी बयान होंगे और हमें पूरी उम्मीद है कि यह एफआईआर कैंसिल होगी। हम हमेशा पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हैं। विवेक चौधरी ललाना, प्रवक्ता, जजपा

पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई का मामला

हरपाल सिंह कांबोज को कुछ दिन पहले ही जजपा ने दोबारा से शहरी जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। इससे पहले हरपाल व विवेक ललाना इनेलो में रहे और दुष्यंत चौटाला के अलग पार्टी बनाने पर जजपा में आ गए थे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस लड़ाई के पीछे पार्टी में खुद को ज्यादा प्रभावी दिखाने की होड़ है। 25 सितंबर को लगे रक्तदान शिविर के लिए ललाना ने जो सोशल मीडिया पर पाेस्ट डाली थी, उसमें हरपाल कांबोज की तस्वीर नहीं थी। वहीं, हरपाल ने भी अपनी पोस्ट में किसी स्थानीय नेता को जगह नहीं थी।



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हरपाल कांबोज (फाइल फोटो)


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