
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद कार्यक्रम के तहत शहर की नई अनाज मंडी में किसानों और विभिन्न संगठनों ने धरना दिया। इस दौरान प्रदर्शन करते हुए किसान सचिवालय पहुंचे तथा राष्ट्रपति के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। सभा की अध्यक्षता अशोक कुमार मूसेपुर ने की, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने विचार रखेl मंच संचालन अभय सिंह फिदेड़ी ने कियाl
कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने सरकार द्वारा पास किए गए 3 किसान विरोधी अध्यादेशों के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से आनन फानन में संसद से बिल पास करके राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दियाl रुड़की से किसान आन्दोलन में भाग लेने आए कर्नल अशोक ने कहा कि हमें गांव-गांव जा कर लोगों को इन बिलों की सच्चाई बताने की जरूरत है। राजबाला यादव ने कहा कि किसानों की एकता ही इस बिल को वापस लेने में सरकार को मजबूर कर सकती है l
इसलिए हमें यह संघर्ष मिलकर आगे बढ़ाना होगाl राव कुलदीप ने इसे किसानों की एमएसपी को छीन कर उनको पूंजीपतियों का गुलाम बनाने का षड्यंत्र बताया। प्रो. अनिरुद्ध यादव ने कहा कि किसान इस देश का पेट भरता है और किसान का बेटा देश की सीमाओं पर रक्षा करता है, उसी किसान के साथ सरकार धोखा कर रही हैl अधिवक्ता कुसुम यादव ने काले कानूनों की सच्चाई बताते हुए उन्हें जमाखोरी कालाबाजारी अनुमति बिल, मंडी तोड़ो एमएसपी छोड़ो बिल और बंधुआ किसान बिल बताया।
संगठनों के प्रवक्ताओं में अभय सिंह, भजनलाल आदि ने भी अपने विचार रखेl कॉमरेड विजय ने कहा की किसान अब झूठे आश्वासनों पर विश्वास नहीं करेगा। किसान संघ के रामकिशन महलावत ने सरकार द्वारा बेची जा रही सरकारी एजेंसी का निजीकरण देश से विश्वासघात है। किसान नेता समय सिंह ने किसान आन्दोलन को मजबूती और गति देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। धर्मपाल नम्बरदार ने कहा कि ये किसान आन्दोलन का आगाज है।
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