
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन सम्बन्धित एआईयूटीयूसी ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और सीटीएम संजीव कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले कार्यकर्ता व सहायिका पहले नेहरू पार्क में इकट्ठा हुई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा यादव की असामयिक मृत्यु पर शोक प्रकट किया।
कोरोना दौर में मृतक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा उसके परिजनों को देने की मांग रखने का प्रस्ताव पारित किया। मजदूर-किसानों के विरुद्ध पारित काले बिलों को रद्द करने की मांग की। एआईयूटीयूसी के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट, यूनियन की प्रधान तारादेवी व सचिव कृष्णा यादव, राजेश्वरी यादव, बिन्दु समेत कई नेत्रियों ने उन्हें संबोधित किया
यूनियन की जिला प्रधान तारादेवी व सचिव कृष्णा यादव ने बताया कि कोरोना काल के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन को जोखिम में डाल कर भी अपनी ड्यूटी निभाई है, जिसमें रेवाड़ी समेत हमारी कई बहनें संक्रमित हुई हैं, परन्तु सरकार समस्याएं हल करने की बजाए बढ़ा रही है। मानदेय भत्ता और शहरी आंगनबाड़ी केंद्रों के किराये का भुगतान कई महीने का बकाया है। प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2018 में घोषित 1500 रुपये व 750 रुपये मासिक वृद्धि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है।
इनका भुगतान जल्द से जल्द करने, एक मार्च 2018 को प्रदेश सरकार से हुए समझौते को लागू करने, जनवरी से बकाया महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान करने की मांग की गई। इनके अलावा पूरक पोषाहार अच्छी क्वालिटी का तौल व मात्रा में पूरा देने, मोबाइल सैट, सिम, इंटरनेट, मोबाइल पर रिपोर्ट, फोटो आदि भेजने का नाजायज फरमान वापस लेने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा आदि मांगें उठाई। इस मौके पर संतोष, शारदा, कृष्णा, राजेशवरी, शशिकला, राजबाला, सबिता, सुदेश, बिंदु, कौशल्या, योगिता, सीता, आशा, कमलेश व अनीता मौजूद रहीं।
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