
अमरुत योजना से उम्मीद थी कि शहर की पेयजल और सीवरेज व्यवस्था सुधरेगी। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के कारण ये योजना शहर निवासियों के लिए मुसीबत बन रही है। इसमें भी खास बात ये है कि शिकायत के बाद भी अधिकारी और ठेकेदार शहरवासियों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। शहरवासियों ने नगर परिषद और सीएम विंडों पर जब सुनवाई नहीं हुई तो अब कुछ लोगों ने अदालत की शरण ली है। योजना के तहत वार्ड-27 के चौधरियां मोहल्ला, प्रताप गेट की नरुला वाली गली, ताराचंद चक्की के आसपास एरिया और वार्ड 28 के पुज मोहल्ला में सीवरेज की लाइन डाली गई थी।
जहां-जहां सीवरेज की लाइन डाली गई, वहीं पर मकानों में दरारें आ रही हैं। चौधरियां मोहल्ले पंजाबी वेलफेयर सभा के प्रधान राजकुमार मुखिजा, मिंटू चौधरी, नीटू चौधरी, राकेश टंडन, कृष्ण वर्मा ने बताया कि सीवरेज की पाइप लाइन डालते समय ठेकेदार के कर्मचारियों लापरवाही से काम किया। जिसका नतीजा रहा कि पाइप डालने के लिए खुदाई के समय नीचे से गुजर रही पेयजल पाइप लाइनों को तोड़ दिया गया। किसी को पता न चले तो कहीं पर टयूब से, कहीं कपड़े से पानी को रोक दिया।
लेकिन तीन चार महीने में पानी अब यहां जमीन में रिसने के बाद जमीन के ऊपर आने लगा है। इससे पहले लोगों को इसकी जानकारी मिलती, तब तक उनकी गली में 12 मकानों में दरारें आ चुकी थी। उन्होंने बताया कि पहले तो वे समझे कि दरारें यूं ही आई हैं। लेकिन जब पानी जमीन से ऊपर आने लगा तो फिर पता चला कि जहां-जहां सीवरेज की पाइप लाइन दबाई गई थी, वहीं पर पानी के कनेक्शन तोड़े गए। जिस कारण करीब चार महीने से पानी जमीन में बह रहा था। यही पानी मकानों की नींव में घुसा, जिसके कारण मकानों में दरारें आ रही हैं।
ताराचंद चक्की के पास और नरुला वाली गली में भी समस्या
चौधरियां मोहल्ला के साथ-साथ उनके वार्ड मे आने वाले प्रताप गेट ताराचंद की चक्की और नरुला वाली गली में भी सीवरेज लाइन डाली गई। यहां भी जमीन में पानी रिसाव के कारण करीब 9 मकानों में दरारें आई हुई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में नगर परिषद के ईओ काे शिकायत दी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोग स्वयं ही अंदाजा लगा कर टूटे कनेक्शन जोड़ रहे हैं। लेकिन जो नुकसान मकानाें को हुआ है,उसकी भरवाई कौन करेगा। इसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा। इस पर कोई नहीं बोलता है।
डेढ़ किलोमीटर एरिया में किसी को नहीं दिया कनेक्शन
वार्ड-27 की पार्षद तृप्ता सचदेवा ने बताया कि अमृत योजना में पैसे की बर्बादी की जा रही है। उनके वार्ड में चौधर मोहल्ला से प्रताप गेट तक करीब डेढ़ किलोमीटर एरिया में सीवरेज की लाइन तो डाली गई, लेकिन किसी भी मकान को कनेक्शन नहीं दिया। जबकि नियमानुसार ठेकेदार को पाइप लाइन डालने के बाद घरों तक होल बना कर कनेक्शन देने थे। उन्होंने बताया कि जब लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है तो वे अदालत में अपील डाल रहे हैं, ताकि अधिकारियों पर जुर्माना हो और उनके नुकसान की भरपाई हो सके।
पुज मोहल्ले में भी समस्या, घरों में आ रही दरारें
अमृत योजना के तहत पुज मोहल्ले में भी सीवरेज डाला गया। लेकिन यहां पर मोहल्ला निवासियों के मकानों में दरारें आ रही है। मोहल्ला निवासियों का कहना है कि इस संबंध में पार्षद और नगर परिषद को भी शिकायत दी, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। यहां कई मकानों में दरारें आ चुकी है, जो लगातार बढ़ रही है। कई लोगों ने तो मकानों की रिपेयर भी करवाई, लेकिन दरारें अब भी आ रही है। मोहल्ला निवासियों का कहना है कि सीवरेज लाइन में कहीं न कहीं पानी जमीन में रिसाव हो रहा है, जिस कारण समस्या आ रही है।
ठेकेदार को जारी किए नोटिस
अमृत योजना के तहत काम करने वाले ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। जहां भी समस्या है, उसे ठीक करवाया जाएगा।
हिमांशु लाटका, एक्सईएन, नप
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