
घाटे में चल रही नगर निगमों को उबारने के लिए उपभोक्तओं की जेब ढीली करने की तैयारी कर ली गई है। सरकार ने एक प्रतिशत म्यूनिसिपल टैक्स बढ़ाने की योजना बनाई है। अभी बिजली बिल की राशि का दो फीसदी टैक्स लिया जाता है। योजना लागू होने के बाद प्रदेश की दस नगर निगमों में उपभोक्ताओं को तीन फीसदी यह टैक्स देना होगा।
सूत्रों का कहना है कि नगर निकाय विभाग की ओर से तैयार किया गया यह प्रस्ताव नगर निकाय मंत्री अनिल विज के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेज दिया गया है। सीएम की मुहर के बाद यह टैक्स लागू हो जाएगा। अभी यह योजना नगर निगमों के लिए तैयार की गई है। लेकिन भविष्य में सभी नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में भी लागू की जा सकती है। हरियाणा में पूर्व में प्रति यूनिट 5 पैसे टैक्स लिया जाता था। परंतु 2017 में पैसे की बजाए कुल बिल की राशि का दो फीसदी टैक्स निर्धारित किया गया था। बता दें कि कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने नगर निगमों के कमिश्नरों के साथ बैठक की थी। जिसमें निगमों की आय बढ़ाने पर भी मंथन हुआ था।
समझें कैसे बढ़ेगा बिल
माना कि आपका बिल 1500 रुपए का बनता है। अभी दो फीसदी के हिसाब 30 रुपए एमसी टैक्स बनता है। लेकिन अब एक फीसदी की बढ़ोतरी पर यह 15 रुपए और बढ़ जाएगा। कुल 45 रुपए एमसी टैक्स होगा।
इन 10 शहरों के बाशिंदों पर पड़ेगा बिल का बोझ
पंचकूला, फरीदाबाद, गुड़गांव, पानीपत, सोनीपत, हिसार, अंबाला, यमुनानगर, रोहतक, करनाल नगर निगम क्षेत्र में रहने वालों को एक फीसदी ज्यादा एमसी टैक्स देना पड़ेगा।
स्ट्रीट लाइट के हैं 3700 पॉइंट, बिल में जुड़ता है टैक्स
प्रदेश में स्ट्रीट लाइट के करीब 3700 पॉइंट हैं। इनका बिल नगर निकायों से लिया जाता है। परंतु स्ट्रीट लाइट के बिल के लिए नगर नगर निकायों द्वारा शहरवासियों से एमसी टैक्स लिया जाता है। बिजली निगम के बिल में एमसी टैक्स जुड़ता है। जितना स्ट्रीट लाइट का बिल बनता है, उतने पैसे रखकर निगम बाकी राशि निकायों को दे देता है।
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