
प्रदेश सरकार की ओर से जमीन, मकान आदि संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए नगर निगम की एनओसी अनिवार्य किए जाने से शहरी इलाका वासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसकी वजह नगर निगम के साॅफ्टवेयर में रिकार्ड अपडेट नहीं होना है। यही कारण है कि प्राॅपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज और प्लाट के रकबे आदि में हेरफेर होने की स्थिति में नगर निगम कार्यालय परिसर में स्थित नागरिक सुविधा केंद्र का ऑनलाइन सिस्टम शिकायतों के निपटारे के लिए सपोर्ट नहीं कर रहा है।
इस मामले को लेकर पार्षदों के पास भी पीड़ित लोग पहुंच रहे हैं। सोमवार को पार्षद इस बाबत नगर निगम कमिश्नर प्रदीप गोदारा से मिलकर समस्या के समाधान की बात करेंगे। इधर, निगम की टैक्स ब्रांच का दावा है कि एनओसी देने के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। साथ ही काउंटर भी खोले गए हैं। जहां पर हर आने वाले उपभोक्ता को जागरूक किया जाता है। साथ ही उसकी समस्याओं के समाधान के तरीके बताए जाते हैं। इसके बावजूद लोगों को नगर निगम के दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।
ऐसे करें एनओसी के लिए आवेदन
हर प्रापर्टी के लिए सर्वप्रथम उपभोक्ताओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर नो ड्यूज सर्टिफिकेट मैनेजमेंट पर जाकर यूजर यूएलबी एचआरवाई डॉट ओआरजी पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। प्रापर्टी आईडी डालने पर प्रापर्टी की पूरी डिटेल खुल जाएगी और सभी देयकों का भुगतान होने की स्थिति में ईश्यू एंड नो ड्यूज सर्टिफिकेट का बॉक्स सामने होगा। इस पर क्लिक करने पर एनओसी निकल जाएगी। उपभोक्ता घर बैठे ऑनलाइन इसके निकाल सकते हैं। बकाए होने अथवा प्रापर्टी के रकबे आदि में गड़बड़ी होने पर रेज ऑब्जेक्शन बॉक्स पर क्लिक करना होगा। यदि उपभोक्ता के पास रजिस्ट्री की कापी और प्रापर्टी टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज की जमा पर्ची है तो उसको अटैच करना करते हुए सम्मिट करना होगा। इसके बाद एनओसी की दिक्कत खत्म हो जाएगी।
सौ से ऊपर लोग एनओसी के लिए निगम कार्यालय के काट रहे चक्कर
नगर निगम वार्ड-1 के पार्षद कृष्ण सहरावत ने बताया कि हर दिन दो से चार की संख्या में लोग एनओसी नहीं दिए जाने की शिकायत लेकर उनके पास पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत सूर्या नगर और शास्त्री नगर इलाका वासियों को हो रही है। उन्होंने बताया कि अब तक सौ से ऊपर लोगों को एनओसी नहीं मिलने की शिकायत है। सोमवार को इस बाबत नगर निगम कमिश्नर प्रदीप गोदारा से मिलकर समस्या का समाधान कराया जाएगा। दूसरी ओर अंबेडकर चौक स्थित नगर निगम कार्यालय में हेल्प डेस्क और काउंटर खोले गए हैं। जहां पर उपभोक्ताओं को एनओसी के लिए जागरुक किया जा रहा है।
1.6 लाख जमा कराने पर भी 2.32 लाख का दिखाया बकाया
पार्षद कदम सिंह अहलावत ने बताया कि उनके पास भी एनओसी नहीं दिए जाने की शिकायतें आ रही हैं। बताया कि सेक्टर-1 निवासी अविनाशी लाल का रामगोपाल कॉलोनी में 4 शॉपिंग कॉम्पलेक्स है। वर्ष 2008 में डेवलपमेंट चार्ज सहित सभी प्रकार के देय के लिए निगम खजाने में 1 लाख 64 हजार रुपए जमा करवा दिए गए थे। लेकिन वर्तमान में जब अविनाशी लाल एनओसी लेने पहुंचे तो निगम के अधिकारियों ने उनको 2 लाख 32 हजार रुपए का बकाया दिखा दिया। जबकि उनके पास पुराने जमा की रसीद भी है। ऐसा ही एक मामला सेक्टर-2 निवासी जुनेजा परिवार का है। उन्हें भी एनओसी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
वर्तमान में खेती की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही : जयभगवान ठेकेदार
सेक्टर-6 के रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रमेश खासा ने बताया कि सेक्टर-6 के एरिया को पहले से ही नगर निगम अनअप्रूव्ड बताता रहा है। दो दिन पहले सहमति बनी थी कि जो भी प्लाटधारक रजिस्ट्री के कागज लेकर जाएगा, उसकी एनओसी में कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी। इसके बाद भी नगर निगम दफ्तर जाने पर लोगों को यह कहकर लौटा दिया गया। पार्षद जयभगवान ठेकेदार ने बताया कि वर्तमान में खेती की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इसका एक कारण एनओसी नहीं मिलना भी है। क्योंकि बिना एनओसी टोकन जारी नहीं किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके वार्ड का अधिकांश एरिया ग्रामीण है। लोग उनके पास एनओसी मिलने में आ रही दिक्कत बता रहे हैं।
एनओसी लेने वालों की मदद के लिए नगर निगम कार्यालय में हेल्प डेस्क और काउंटर खोले गए हैं। उपभोक्ता कहीं से भी ऑनलाइन एनओसी के लिए आवेदन कर सकता है। अब तक 1200 शिकायतों में से 720 का निपटारा किया। ऑनलाइन टैक्स के रूप में लगभग 50 लाख रुपए निगम के खाते में जमा हुए हैं। फिलहाल दो तरह की दिक्कतें आ रही हैं। पहली कुछ आईडी सिस्टम नहीं दिखा रहा है। दूसरा कुछ एरिया अनअप्रूव्ड बता रहा है। ऐसे में जो लोग अपनी रजिस्ट्री की कॉपी, प्रापर्टी टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज की रसीद आदि मुहैया कराते हैं। चेकिंग के बाद उनकी एनओसी अप्रूव्ड कर दी जाती है। -जगदीश चंद्र शर्मा, जेडटीओ नगर निगम।
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