‘कार 24 फ्रेंचाइजी’ से 11.84 लाख में स्कॉर्पियो खरीदी, सर्विस कराने के लिए एजेंसी भेजी तो असली मालिक कोई और निकला

सस्ती के चक्कर में दिल्ली से कार-24 फ्रेंचाइजी से 11.84 लाख में पुरानी स्कॉर्पियो गाड़ी खरीदकर सतकरतार कॉलोनी का कारोबारी फंस गया। सर्विस के लिए एजेंसी भेजी तो पता चला कि गाड़ी का मालिक इसे बेचने वाला नहीं, बल्कि कोई और है। कारोबारी विकास कुमार ने बताया कि वह लक्ष्मी मोटर्स के नाम से एजेंसी भी चलाता है। दिल्ली के मोतीनगर स्थित कार-24 फ्रेंचाइजी से स्कॉर्पियो खरीदी थी।
गाड़ी की पेमेंट ऑनलाइन कंपनी के खाते में की। कंपनी ने गाड़ी पानीपत भेज दी। थाना मॉडल टाउन पुलिस ने कार-24 के संचालक/मालिक पर केस दर्ज कर लिया है। पेमेंट के बाद कोरियर से 3 दिन बाद गाड़ी के कागजात भी मिले थे। विकास ने कार-24 कंपनी कर्मचारियों अनदेखी का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस ने केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है।
करनाल एजेंसी में भेजने पर खुला फर्जीवाड़ा
विकास ने बताया कि उसने स्कॉर्पियो को मरम्मत के लिए करनाल की पीपी महिंद्रा वर्कशॉप में भेजा था। 10 दिन में मरम्मत कर वर्कशॉप संचालक ने रजिस्टर्ड मालिक को मैसेज भेजा तो वह असली मालिक कर्मपाल सिंह के पास चला गया। असली मालिक ने आरोप लगाया कि उसकी फर्जी एनओसी बनाकर कार बेची गई है।
कर्मपाल ने गाड़ी पर जताया मालिकाना हक
कर्मपाल ने करनाल पहुंच गाड़ी पर मालिकाना हक जताया है। उन्होंने बताया कि एक जानकार 3 माह पहले गाड़ी चलाने के लिए ले गया था। बाद में उसने गाड़ी नहीं लौटाई। इस संबंध में महेंद्रगढ़ के सतनाली थाने में केस भी दर्ज है। कर्मपाल का दावा है कि स्कॉर्पियो पर इस समय लोन भी चल रहा है।
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