
जिले में पिछले एक सप्ताह से खरीफ की फसलों की चुगाई व कटाई का काम शुरू होने के चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोग कोरोना टेस्ट करवाने के लिए सैंपल नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते जिले में रोजाना की सैंपलिंग में औसतन 400 तक की गिरावट आई है। इसी के चलते जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो गई है। वहीं डिस्चार्ज अधिक होने के चलते लगातार जिले में रिकवरी रेट में भी सुधार हो रहा है।
अब स्वास्थ्य विभाग जो सैंपलिंग कर रहा है वह शहरों में अधिक हो रही है। इसके अलावा विभाग का ध्यान पॉजिटव आने वालों के संपर्क में आने वालों के टेस्ट कर कोरोना की चेन को तोड़ने की तरफ भी अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टेस्टिंग के लिए सैंपल ही नहीं दे हैं। यहीं कारण है कि जिले में रोजाना 1 हजार से भी अधिक होने वाली सैंपलिंग अब 600 तक सिमट गई है।
13 पॉजिटिव मिले, 32 को किया डिस्चार्ज
मंलगवार को जिले में कोरोना के मात्र 13 पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं ठीक होने पर 32 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। इसी के साथ ही जिले में अब संक्रमितों की कुल संख्या 2265 हो गई है। इनमें से 1932 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 297 एक्टिव केस हैं जिनका इलाज चल रहा है। जिले में अब तक 36 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
जानिए ग्रामीणों के कोरोना टेस्ट नहीं करवाने के ये हैं कारण
- गांवों में इन दिनों धान की कटाई व नरमे की चुगाई के अलावा बाजरा व मूंग की कटाई का काम भी शुरू हो गया है। इसलिए सभी काम में व्यस्त हैं।
- ग्रामीण और लेबर क्लास 14 दिन क्वारेंटाइन होने के भय से भी टेस्ट नहीं करवा रहे। वे सोचते हैं कि यदि पॉजिटिव आए तो क्वारेंटाइन रहने से सीजन में काम नहीं कर पाएंगे।
- गांवों में लोग अब ये चर्चा आम करने लगे हैं कि कोरोना स्वस्थ्य व्यक्ति क लिए गंभीर बीमारी नहीं है। इसलिए वे टेस्ट करवाना नहीं चाहते। हालांकि इस तरह से सोचना घातक हो सकता है।
सैंपलिंग घटने के कारण जिले में कैसे घटे कोरोना संक्रमित
जिले में जब सैंपलिंग 1 हजार के अधिक प्रतिदिन थी तब जिले में रोजाना 50 से 90 तक कोरोना पॉजिटिव केस मिले थे। लेकिन पिछले एक सप्ताह से जैसे ही सैंपलिंग में गिरावट आई है वैसे ही संक्रमितों की संख्या भी घट गई है। पिछले 7 दिनों में जिले में केवल 184 ही पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं ठीक होने पर 283 को डिस्चार्ज किया गया है। इन 7 दिनों में 7 लोगो की मौत होने से मौत का आंकड़ा 29 से 36 हो गया है।
लोग नहीं करवा रहे टेस्ट : डिप्टी सीएमओ
खरीफ की फसलों की चुगाई व कटाई का काम शुरू होने के चलते गांवों में जब सैंपलिंग टीम जाती है तो लोग सैंपल देने से इनकार कर देते हैं। इसी के चलते गांवों में सैंपलिंग नहीं होने के कारण पिछले एक सप्ताह में सैंपलिंग कम हुई है। अब शहरों में अधिक टेस्टिंग हो रही है। लोगों से अपील है कि लक्षण होने पर स्वयं आगे आकर टेस्ट करवाएं।-डॉ. हनुमान, डिप्टी सीएमओ।
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