Skip to main content

पहली बार मुर्राह भैंस में माेनाेक्लाेनल एंटीबॉडी बनाने को लुवास में हाेगी रिसर्च, 40 लाख का बजट जारी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने डॉ. सुरेन्द्र कादियान को एमेरिटस साइंटिस्ट (ईएस) के पद से सम्मानित किया है। इस पुरस्कार के तहत वह मुर्राह भैंस में साइटोकाइन इंटरलेकिन (आईएल)-17 के लक्षण वर्णन पर शोध कर आईएल-17 के खिलाफ मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उत्पादन करेंगे। यह परियोजना 3 साल की है और लुवास विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के इम्यूनोलॉजी खंड में की जाएगी।

इस परियोजना के तहत रिसर्च में पीसीआर, एलिसा, क्लोनिंग और हाइब्रिडोमा तकनीक शामिल होंगी। खासियत यह है कि पहली बार मुर्राह भैंस में एंटीबाॅडी बनाने के लिए यह रिसर्च का जिम्मा डाॅ. सुरेंद्र काे साैंपा गया है। नवंबर माह में डाॅ. सुरेंद्र ज्वाॅइन कर सकते हैं। पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान संकाय में पूरे भारतवर्ष से इस बार दो उम्मीदवारों को ईएस से सम्मानित किया गया है। गर्व की बात है कि जिसमें डॉ. सुरेंद्र भी पशु चिकित्सा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के लिए ई.एस. आईसीएआर पुरस्कार में शामिल हैं।

यह विभाग आईसीएआर से उन्नत अध्ययन केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है और पिछले साल ही इस विभाग को आईसीएआर ने उत्कृष्टता के क्षेत्र में एक बड़ी शोध परियोजना प्रदान की है। डॉ. कादियान एक कॉमनवेल्थ विद्वान हैं और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल (यू.के.) से इम्यूनोलॉजी में पीएचडी की है।

पीएचडी में अपने शोध के लिए उन्हें नागासाकी जापान में आयोजित इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड मलेरिया द्वारा यंग साइंटिस्ट अवाॅर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में भी चुना गया था। उन्होंने पशुचिकित्सा के क्षेत्र में इम्यूनोलॉजी और एम.वी.एस.सी., पीएचडी छात्रों को भी पढ़ाते थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
डॉ. सुरेंद्र (फाइल फोटो)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2GgZWL8

Popular posts from this blog

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...

2 दिन से एमएसपी पर पीआर धान की नहीं हुई खरीद, सरकारी रिकॉर्ड में 17500 क्विंटल मंडियों में अटका

सरकार और राइस मिलर्स की लड़ाई में किसान पिस रहा है। पीआर धान की सरकारी खरीद कागजों में रविवार से शुरू हो चुकी है लेकिन पूरे जिले में किसी भी मंडी में एक दाने की खरीद अब तक नहीं हुई। मार्केट कमेटी के रिकॉर्ड अनुसार ही 17500 क्विंटल पीआर धान मंडियों में पहुंच चुका है। हालांकि धान इससे कहीं ज्यादा मात्रा में मंडियों में पड़ा है। सोमवार सुबह नई अनाज मंडी में एमएसपी पर धान की खरीद शुरू न होने पर किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया। उसके बाद एसडीएम संजय कुमार किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें एमएसपी पर खरीद का आश्वासन दिया। किसानों ने एसडीएम से दो टूक कहा कि वे पहले ही दुखी हैं और अब उन्हें और परेशान नहीं किया जाए। एक दिन का अल्टीमेटम देते हुए किसान बलजीत किच्छाना, गुरनाम सिंह डोहर, फूल सिंह नरड़, संजय ग्योंग, होशियार गिल व राममेहर गिल प्यौदा, तेजिंद्र सिंह अरनौली ने कहा कि अगर सोमवार सायं तक एम एसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई तो मंगलवार से किसान कार्यालय के बाहर धरना देंगे और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों को एक-एक क्विंटल धान लाने के मैसेज पर एसडीएम बोले-गलती सुधारी ज...