
तीन कृषि अध्यादेश का विरोध कर एमएसपी कानून लागू करने की मांग को लेकर हरियाणा व पंजाब में किसान आंदोलन चल रहा है। वहीं रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर किसानों का जिक्र किया। किसान समूह बनाकर स्वीट कॉर्न और बेबी कार्न की खेती से बिना एमएसपी ओपन मार्केट में बेचकर प्रति एकड़ ढाई से तीन लाख सालाना कम रहे अटेरना की किसान कंवल सिंह चौहान का खास जिक्र किया। कंवल सिंह राष्ट्रपति द्वारा पदम श्री अवार्ड से भी सम्मानित किए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने किसान कंवल चौहान का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। अगर वह मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियां बेचते थे, तो कई बार उनके फल, सब्जी और गाड़ियां तक जब्त हो जाती थीं। लेकिन, 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी कानून से बाहर कर दिया गया। इसका, उन्हें और आस-पास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। चार साल पहले, उन्होंने, अपने गांव के साथी किसानों के साथ मिलकर एक किसान उत्पादक समूह की स्थापना की।
आज गांव के किसान स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती करते हैं। उनके उत्पाद, आज, दिल्ली की आजादपुर मंडी, बड़ी दुकानों तथा होटलों में सीधे जा रहे हैं। आज गांव के किसान इनकी खेती से ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इसी गांव के 60 से अधिक किसान नेट हाउस और पॉली हाउस बनाकर टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी, अलग-अलग किस्मों का उत्पादन करके हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रुपए तक की कमाई कर रहें हैं।
इंग्लैंड व अमेरिका तक निर्यात होता है उत्पाद
जब गांव में बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न का उत्पादन बढ़ा तो किसानों को बाजार की दिक्कत न हो, इसके लिए कंवल सिंह ने वर्ष 2009 में फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर दी। लगभग दो एकड़ में स्थित इस यूनिट में बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, अनानास, फ्रूट कॉकटेल, मशरूम बटन, मशरूम स्लाइस सहित लगभग आठ प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। आज इस यूनिट से प्रतिदिन लगभग डेढ़ टन बेबी कॉर्न व अन्य उत्पाद इंग्लैंड व अमेरिका में निर्यात होता है। यहां वे टमाटर, स्ट्राबेरी का प्यूरी भी बनाते हैं।
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