
लगातार दूसरे दिन भी धान की खरीद न होने से परेशान किसान अम्बाला सिटी एसडीएम सचिन गुप्ता से मिलने पहुंचे। किसान एसडीएम के ऑफिस में अंदर चले गए। इसी बीच एसडीएम ने किसानों को ऑफिस से बाहर जाने को कहा तो मामला बिगड़ गया। किसान ऑफिस के बाहर ही धरने पर बैठे गए और नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ता देख एसडीएम सचिन गुप्ता ऑफिस से बाहर आए। विनम्रता से हाथ जोड़कर किसानों के सामने बैठकर बोले- मेरी कोई गलत मंशा नहीं थी। अगर बुरा लगा तो माफी मांगता हूं।
इसके बाद किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया। भाकियू नेता जय सिंह जलबेहड़ा व जसविंद्र सिंह जलबेहड़ा ने बताया कि मंडी में धान की खरीद नहीं हाे रही है। किसान का अनाज मंडियाें में खुले में पड़ा है। आढ़तियों को धान खरीद के लिए बारदाना नहीं दिया जा रहा है।
शेलर वालाें ने हाथ खड़े कर दिए हैं और किसानों को मैसेज भेजकर एक-एक क्विंटल धान मंडी में लेकर आने के लिए कहा जा रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार मैसेज सिस्टम को खत्म करे। किसान को मंडी में अपनी मर्जी से फसल लाने की आजादी होनी चाहिए। अगर सरकार यही सिस्टम शुरू करना चाहती है तो सरकार को मंडी से धान उठान के लिए पर्याप्त प्रबंध करने हाेंगे।
सबसे ज्यादा सिटी में खरीद

जिला के खरीद केंद्राें व मंडियाें में रविवार प्रथम दिन कुल 10719 मीट्रिक टन धान की आवक हुई थी। जिसमें से विभिन्न खरीद एजेंसी द्वारा 1929 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने बताया कि कैंट अनाज मंडी में 3200 मीट्रिक टन, सिटी अनाज मंडी में 5590 मीट्रिक टन, बराड़ा में 173 मीट्रिक टन, केसरी मंडी में 265 मीट्रिक टन, मुलाना मंडी में 1356 मीट्रिक टन, साहा अनाज मंडी में 89 मीट्रिक टन व तलहेड़ी अनाज मंडी में 46 मीट्रिक टन धान की आवक हुई।
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