Skip to main content

टेस्ट के 1600 रु. लेने लगे तो कम हुई सैंपलिंग, 19 दिन में 2788 केस मिले थे, आखिरी 8 दिन में 546 ही आए

प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच के पैसे लेने क्या शुरू किए, सैंपलिंग भी कम हो गई और कोरोना के केस भी। हालत यह है कि जहां पहले सिविल अस्पताल में 100-150 लोगों की लंबी लाइन लगती थी, अब 8-10 लोग ही खड़े नजर आते हैं। सैंपलिंग के पैसे लगने लगे तो कोरोना के केस भी कम आने लगे। पहले कहां 190 केस आते थे, जो अब 43 के आसपास रह गए हैं।

यह सुखद स्थिति नहीं है कि कोरोना कम हो गया। असल में जांच नहीं हो रही। सरकार ने 19 सितंबर से यह नियम लागू कर दिया कि बिना डॉक्टर की पर्ची पर कोरोना टेस्ट कराने के 250 से 1600 रुपए तक लगेंगे। लेकिन नए नियम से जरूरतमंदों की परेशानी बढ़ गई। क्योंकि निजी अस्पतालों में भी डॉक्टर आसानी से कहां देखते हैं। देखते भी हैं तो सिर्फ यह कह देते हैं कि कोरोना रिपोर्ट लेकर आओ।

पहले लक्षण दिखने पर भी मुफ्त जांच होती थी

पहले किसी भी व्यक्ति काे हल्का बुखार, खांसी व सांस लेने में तकलीफ या किसी भी वस्तु की दुर्गंध नहीं आने पर टेस्ट कराने के लिए अस्पताल पहुंच जाते थे। टेस्ट कराने से पहले किसी डाॅक्टर से सलाह भी नहीं लेते थे कि उन्हें टेस्ट कराना चाहिए या नहीं।

अब बिना डॉक्टर की पर्ची के पैसे लगेंगे

सरकार ने 19 सितंबर से नियम लागू कर दिया कि डॉक्टर की पर्ची के बिना सरकारी अस्पताल में भी जांच कराने पर 1600 रुपए तक लगेंगे। यह नियम इसलिए बनाया कि दूसरे राज्य जाने वाले या दूसरी जगह से आने वाले को किसी ऑफिस में अगर कोरोना रिपोर्ट लाने को कहा जा रहा है तो ऐसे लोगों से जांच के बदले पैसे लिए जाएं।

नोटिस बोर्ड लगाए स्वास्थ्य विभाग तो मिल सकती है राहत

सरकार ने नियम तो बना दिया, लेकिन इसका कोई क्रैटेरिया नहीं बनाया कि असली जरूरतमंदों की जांच फ्री में हो। निजी डॉक्टर भी आसानी से कहां देखते हैं। सरकारी अस्पतालों में भी लंबे इंतजार के बाद लोगों का नंबर लगता है। इसलिए, कोई ऐसी व्यवस्था बनाए कि जरूरतमंदों की फ्री में बिना झमेले के जांच हो।

विभाग को लोगों को खुद करना होगा जागरूक

सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग जांच केंद्र के बाहर नोटिस बोर्ड लगाकर लोगों को जागरूक करे तो भी जांच कराने वालों की परेशानी कम हो सकती है। अभी तो अधिकांश लोगों को जानकारी ही नहीं है।

20 से 27 सितंबर तक के बीच एकदम से कम हो गई सैंपलिंग की गति

अब राेजाना औसतन 650 सैंपल हाे रहे हैं, जबकि 1 से 19 सितंबर तक 22450 सैंपल हुए यानी राेजाना औसतन 1181। इन 19 दिनाें में राेजाना 146 की औसत से 2788 पाॅजिटिव मिले। अब 20 से 27 सितंबर के दिनाें में सैंपलिंग घटने से केस भी घटकर राेजाना की 68 की औसत से 546 मिले।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अब केवल 4 से 5 लोग ही लाइन में दिखते हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3485ZtT

Popular posts from this blog

कच्चे क्वार्टर बाजार के बीच से गुजर रहे हैं बिजली के तार, हादसा आगजनी में 1999 में 48 लोगों की हुई थी मौत

शहर का सबसे व्यस्त व भीड़ वाले बाजार कच्चे क्वार्टर के बीच से बिजली के तार गुजर रहे हैं। केबल न होने से हवा चलने पर यह तार आपस में टकरा जाते हैं। जिससे चिंगारी निकलती है। ऐसे में यहां आगजनी होने का खतरा बना रहता है। व्यापारियों व दुकानदारों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग कर चुके हैं। लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। जबकि यहां एक बार बड़ी अनहोनी हो चुकी है। 1999 में आगजनी होने पर 48 लाेगों की हुई थी मौत कच्चे क्वार्टर में नवंबर, 1999 में बड़ी आगजनी की घटना हुई थी। आगजनी घटना शार्ट-सर्किट के कारण हुई थी। आग में 48 लोगों की जान गई थी। वहीं सौ से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। एक ही दुकान के अंदर दर्जनों लोगों की जान गंवाई थी। कच्चे क्वार्टर बाजार में 1999 के बाद भीड़ करीब 10 गुणों बढ़ गई है। हर दिन यहां हजारों लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां दुकानों के स्टाल पर लटकते तारों से हादसा होने का अंदेशा है। यहां दिन के समय भी पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा इस क्षेत्र में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है। जबकि नगर निगम पर इस पर कंट्रोल नहीं है। यहां दिन में पैदल...

2 दिन से एमएसपी पर पीआर धान की नहीं हुई खरीद, सरकारी रिकॉर्ड में 17500 क्विंटल मंडियों में अटका

सरकार और राइस मिलर्स की लड़ाई में किसान पिस रहा है। पीआर धान की सरकारी खरीद कागजों में रविवार से शुरू हो चुकी है लेकिन पूरे जिले में किसी भी मंडी में एक दाने की खरीद अब तक नहीं हुई। मार्केट कमेटी के रिकॉर्ड अनुसार ही 17500 क्विंटल पीआर धान मंडियों में पहुंच चुका है। हालांकि धान इससे कहीं ज्यादा मात्रा में मंडियों में पड़ा है। सोमवार सुबह नई अनाज मंडी में एमएसपी पर धान की खरीद शुरू न होने पर किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के बाहर धरना शुरू किया। उसके बाद एसडीएम संजय कुमार किसानों के बीच पहुंचे और उन्हें एमएसपी पर खरीद का आश्वासन दिया। किसानों ने एसडीएम से दो टूक कहा कि वे पहले ही दुखी हैं और अब उन्हें और परेशान नहीं किया जाए। एक दिन का अल्टीमेटम देते हुए किसान बलजीत किच्छाना, गुरनाम सिंह डोहर, फूल सिंह नरड़, संजय ग्योंग, होशियार गिल व राममेहर गिल प्यौदा, तेजिंद्र सिंह अरनौली ने कहा कि अगर सोमवार सायं तक एम एसपी पर खरीद शुरू नहीं हुई तो मंगलवार से किसान कार्यालय के बाहर धरना देंगे और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों को एक-एक क्विंटल धान लाने के मैसेज पर एसडीएम बोले-गलती सुधारी ज...