Skip to main content

एक सप्ताह पहले आई पीआर मंडी में अटकी, तीसरे दिन भी नहीं बिकी जीरी, एजेंसी अधिकारी नमी की मात्रा बता रहे अधिक

किसानों के विरोध के बावजूद सरकार द्वारा पीआर धान की खरीद शुरू कराने के बाद भी कैथल की अनाजमंडी में भी एक भी दाना की बिक्री नहीं हो पाई है। इससे धान की बेकद्री हो रही है। पिछले करीब एक सप्ताह से किसान यहां पर पीआर जीरी लेकर आए थे, लेकिन खरीद शुरू होने के तीसरे दिन मंगलवार को भी कोई खरीद नहीं हुई। इससे किसानों में रोष है और किसान नेताओं ने बुधवार से फिर से आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है।

मंडी में धान लेकर पहुंचे किसान सुरजीत सिंह, नफेसिंह व राजकुमार ने बताया कि वे पिछले 5 दिनों से पीआर धान लेकर आए हुए हैं, लेकिन खरीद नहीं हो पा रही। वहीं मंडी में आ रही गैर बासमती धान 1509 की बिक्री हो रही है। किसानों की इस बार धान के रेट कम मिल रहे हैं। मंगलवार को अधिकतर ढेरियां 1900 से लेकर 2000 रुपए तक ही बिकी।

नई अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान शमशेर मित्तल ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। उनके पास एक से दो क्विंटल धान मंडी में लाने के मैसेज भेजे जा रहे हैं और पीआर धान का एक भी दाना नहीं खरीदा जा रहा। सरकार जल्द ही राइस मिलर्स से वार्तालाप कर समाधान निकाले और किसानों की धान की खरीद सुचारू कराए।

कैथल की प्रसिद्ध अनाजमंडी में अब तक 1509 किस्म की धान की आवक तेजी से हो रही है। अब तक यहां पर करीब 80 हजार क्विंटल से अधिक धान की बिक्री हो चुकी है। इससे मार्केट कमेटी को करीब 10 लाख से अधिक की फीस के रूप में आमदनी हो पाई है। इसके अलावा कुछ किसानों व आढ़तियों द्वारा पिछले वर्ष की स्टॉक की गई पूसा 1121 को भी मंडी में बेचा जा रहा है। डीएमईओ अजय श्योराण ने बताया कि मंडी में किस्म 1509 की बिक्री हो रही है। धान में नमी की मात्रा अधिक होने व राइस मिलर्स द्वारा धान न लेने के कारण सरकारी खरीद कार्य नहीं हो पा रहा। उम्मीद है एक दो दिन में सरकारी धान की खरीद कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कैथल| नई अनाजमंडी में नमी वाली धान को सुखाते किसान। 


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kS8kj8

Popular posts from this blog

फेसबुक पर दोस्ती कर विधवा से किया गैंगरेप, जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया

किला थाना क्षेत्र में शुक्रवार को फेसबुक पर दोस्ती कर गैंगरेप का मामला सामने आया। पीड़िता के साथ 6 महीने पहले दोस्ती कर आरोपी ने जाल में फंसा लिया। फिर दोस्त कि डेयरी में ले जाकर दोस्त के साथ दुष्कर्म किया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। 26 वर्षीय महिला ने बताया कि उसकी 10 साल पहले शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद ही पति की मौत हो गई। मौत के बाद वह मायके में आकर रहने लगी। 6 महीने उसकी पहलवान चौक कुटानी रोड के सोनू के साथ फेसबुक पर बातचीत शुरू हुई थी। उसने बातों में फंसा लिया। 25 अगस्त की रात 9 बजे सोनू ने उसे जन्मदिन की पार्टी देने के लिए घर से बाहर ‌बुलाया। वह घर से बाहर आई तो वह अपनी एक्टिवा पर बैठाकर पहलवान चौक के पास बनी महालक्ष्मी डेयरी में ले गया। जिसका संचालक विकास है। सोनू उसे अंदर ले गया और को‌ल्ड ड्रिंक पिला दी। इस बीच विकास भी वहां आ गया। वह बेेहोश हो गई। वहीं रात करीब साढ़े 11 बजे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। महिला का आरोप है कि फेसबुक मित्र सोनू व सोनू ने दोस्त विकास के साथ मिलकर दुष्कर्म किया है। किला पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है। Download D

कोसली विधायक ने गिनाए एक साल के काम, बोले- नपा भी जल्द बनेगी

कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने प्रदेश सरकार के एक साल पूरा करने के उपलक्ष्य में कोसली विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास कार्य गिनवाए। विधायक लक्ष्मण यादव मंगलवार को बाईपास स्थित जिला भाजपा कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ जिलाध्यक्ष मा. हुकमचंद सहित अन्य पदाधिकारी भी थे। विधायक ने कहा कि कोसली विधानसभा क्षेत्र में एक साल के दौरान 110 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन हुए हैं तथा कुछ का कार्य गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के 8 माह संकट का समय रहा। उस समय परियोजनाओं से ज्यादा जीवन का सवाल था। कहा कि कोरोना संकट के समय कोसली क्षेत्र के लोगों ने 21 लाख रुपए की राशि आपदा कोष में जमा करवाकर सराहनीय कार्य किया। उन्होंने बताया कि कोसली-भाकली के बीच विवाद सुलझा रहे हैं। क्षेत्र में जल्द नगर पालिका बनने की उम्मीद है। बरोदा चुनाव में भाजपा की जीत का दाव किया। विधायक ने कहा कि कृष्णावती नदी की छंटाई लिए टैंडर हो गए हैं। खोल क्षेत्र में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है। जलस्तर को ऊपर उठाने के लिए कृष्णावती नदी पानी रिचार्ज करने का काम पूरा क

कोरोना काल में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ी, 4 माह में जिले के लोग पी गए 2 लाख काढ़ा पाउच, 80 हजार खाई गिलोय की गोली

कोरोनाकाल में कोरोना संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए लोगों का एलोपैथी दवाओं की बजाय आयुर्वेदिक दवाओं पर ज्यादा भरोसा बढ़ा है। आयुष विभाग में आए काढ़ा पाउच की लगातार डिमांड बढ़ रही है। जून से लेकर अब तक जिले में 2 लाख काढ़ा पाउच को उबालकर लाेग पी चुके हैं। इसी तरह से गुडुची घनवटी (गिलोय की गोली) की भी खपत जो पहले नाममात्र की होती थी अब काफी बढ़ चुकी है। 80 हजार गिलोय गोली को लोग अब तक आयुष विभाग से ले जा चुके हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आयुष विभाग ने इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर विभिन्न जड़ी बूटियों से तैयार काढ़ा पाउच तैयार कर जून माह में प्रदेश भर के जिलों में भेजा था। जिस समय काढ़ा पाउच की सप्लाई भेजी गई थी। उस दौरान भीषण गर्मी थी। लेकिन लोगों ने इसकी परवाह न करते हुए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आयुष विभाग से खूब काढ़ा पाउच लेकर गए। इसी तरह से गिलोय गोली भी लोगों द्वारा खूब ली गई। शुरुआत में घर-घर जाकर बांटे गए थे काढ़ा पाउच : जून में जब पहली बार आयुष विभाग का काढ़ा आया तो अधिकारियों व कर्मचारियों ने घर-घर जाकर, दफ्तरों में काढ़ा पाउच लोगों को बांटे। अब बदले मौसम में और बढ़