
(पवन शर्मा) पटियाला से दो दिनों से लापता व्यापारी का शव सोमवार देर शाम नरवाना ब्रांच नहर में ज्योतिसर के पास मिला। पुलिस ने गोताखोर की मदद से शव को बाहर निकाला। मृतक की शिनाख्त 60 वर्षीय महेंद्र सिंह निवासी पटियाला के रूप में हुई। माना जा रहा है कि महेंद्र ने नहर में कूद कर आत्महत्या की है।
यही नहीं मरने से पहले उसने डॉक्टर बेटी को मोबाइल पर वाइस मैसेज भी भेजा। जिसमें अपने पार्टनरों के कथित धोखे से तंग आकर सुसा इड करने की बात कही। जब तक बेटी व परिजन इस मैसेज को देखते सुनते, तब तक देर हो चुकी थी। अनहोनी की आशंका के चलते नहर पर उसकी तलाश की। उसकी बोलेरो पिकअप गाड़ी झांसा में ऋषि मारकंडेश्वर मंदिर के पास खड़ी मिली। जिससे उसके नहर में डूबने की आशंका और गहरा गई।
वाइस मैसेज सुन पहुंचे परिजन

रविवार सुबह महेंद्र घर से काम पर जाने की बोल कर निकले थे। महेंद्र का पटियाला में केलों का कारोबार है। महेंद्र ने अपनी डॉक्टर बेटी को कई वॉयस मैसेज किए थे। इन मैसेज को सुनने के बाद परिजन तुरंत हरियाणा पहुंचे। पटियाला के आसपास जनसूई हेड व कुरुक्षेत्र से नरवाना ब्रांच नहर निकलती हैं, लिहाजा पहले यही नहरों किनारे तलाश शुरू की।
ज्योतिसर पुलिस चौकी प्रभारी नरेश कुमार के मुताबिक सोमवार देर शाम ज्योतिसर के पास शव सतह पर आया। परिचितों को बुलाकर शव की शिनाख्त कराई। महेंद्र सिंह के भतीजे अनिल उतरे जा व रिश्तेदार रमेश कुमार बत्रा ने बताया कि महेंद्र सिंह पटियाला में केले का व्यापार करते थे। कुछ समय पहले उन्होंने कुछ लोगों के साथ हिस्सेदारी में कोल्ड स्टोर और एक पैलेस बनाने का काम किया था। इसी बीच उनके हिस्सेदार ने उनके साथ धोखा किया। तभी से वह परेशान थे, लेकिन यह अहसास नहीं था कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाएंगे।
मैसेज में बोला-मोदी साहब मैं झूठा नहीं हूं करवा लो जांच
महेंद्र की बेटी डॉक्टर हैं। उन्होंने रविवार सुबह बेटी को वॉयस मैसेज भेजे। सिसकती आवाज में अपनी पत्नी, बेटी, दामाद व दोहती से सुसाइड करने के लिए माफी भी मांगी। प्रधानमंत्री को भी संबोधित करते हुए कहा मोदी साहब मैं झूठा नहीं हूं। मेरे साझे दारों ने मेरे साथ धोखा किया है। पंचायत में मुझे ही उल्टा चोर बता रहे हैं। मैं अगर अब भी काम करूं तो करोड़ों कमा सकता हूं, लेकिन काम किसके लिए करूं। देश में समाज के लिए काम करूं जो मुझे धोखा दे रहे हैं। मेरी एक बेटी है, जिसकी मैंने शादी कर दी थी। जितना मैने चाहा, परमात्मा ने उससे 10 गुना ज्यादा दिया। इस पैसे को मैं अब सामाजिक कार्यों में ही लगाना चाहता था। दो साझेदार व उनके पिता ने दो करोड़ 20 लाख के लोन में से साठ लाख रुपए खा लिए। हरीश ने मेरे खाते की सारी किताबें छुपा दी। आप मेरे और इन सब के खातों की जांच करवा सकते हैं।
दोस्त ने भी किया दगा: बेटी
बेटी डॉ. गीता के मुताबिक उनके पिता ने 2010 सतनाम हसीजा के साथ एक स्टोर खरीदा था। शुरुआती दौर मे उनके पार्टनर सतनाम के बेटे मनु व सुरेंद्र में गड़बड़ी शुरू कर दी। तब उनके पिता ने उन्हें हिस्सेदारी से निकाल दिया। बैंक से सवा दो करोड़ का कर्ज लिया था, लेकिन पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। पहले वह हिसाब किताब देखती थी, लेकिन गत नवंबर में ही उनकी शादी हो गई। इसलिए उन्होंने अपने दोस्त यशपाल की सलाह पर हिसाब किताब के लिए मुनींद्र शर्मा और उनके पिता रमेश गर्गिस को पार्टनर बनाया। उन्होंने बैंक से बालाजी कोल्ड स्टोर के नाम से 50 लाख की लिमिट बनवाई ।
उन्होंने रमेश, मनिंदर शर्मा व राजीव रहेजा के बीच जनवरी में डीड बनवाई थी। इसी बीच हिसाब किताब में डेढ़ से दो करोड़ का गबन मिला। इसे लेकर करीब 22 दिन तक पंचायत चली। उनके पिता ने 2016 में एफआईआर भी दर्ज कराई। जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। 30 साल की मेहनत से बना उनका स्टोर बैंक ने लोन की वजह से जब्त कर लिया। उनके पिता की मौत के जिम्मेदार यशपाल सिंधी, सतनाम हसीजा, मनिंदर शर्मा, रमेश गरगीश, राजीव रहेजा और एमसी हरीश भी जिम्मेदार हैं। इन लोगों ने उल्टे उनके खिलाफ ही शिकायत की। जिससे पिता और वह खुद भी डिप्रेशन में चली गई थीं।
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