गो गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति की ओर से सेक्टर-तीन में आयोजित सात दिवसीय भागवत महायज्ञ में गुरुवार को कथावाचक अनिल शास्त्री ने कहा कि आत्मदेव का पुत्र धुंधकारि था। उसका चाल-चरित्र अत्यंत खराब था। उसने अपने जीवन में सभी को बहुत सताया, जिसके कारण उसके माता-पिता को बहुत से दुख सहने पड़े और उसके क्रिया कलाप से उसकी मां को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा।
इसलिए हम सबको भगवान से यही प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान ऐसी संतान किसी को न दे जो अपने माता-पिता व समाज को दुख दे। शास्त्री ने कहा कि हम सभी को अपने बच्चों को संस्कार देने का काम करना चाहिए। ताकि हमारे बच्चे बेहतर समाज का निर्माण कर सकें। इस अवसर पर मुख्य यजमान रणधीर सिंह, नरेश रंग, पूर्व एसडीएम जीत सिंह मेहरा, डॉ. महिपाल, डॉ. राजपाल, हरिओम शर्मा, देवेंद्र शर्मा, नवीन छाबड़ा, संतराम शास्त्री, दुष्यंत बख्शी, जगदीश चौहान, शर्मा, डॉ. मंदीप सिंह, महावीर शर्मा, विशाल मेहरा, रजत मेहरा, प्रतीक सिंह, हिमांशु सिंह, अरुण कुमार, मनीषा, शशिबाला, सुनहरी देवी, सोनू और सविता मौजूद रही ।
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