
कपालमोचन में कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में लगने वाले पांच दिवसीय राज्य स्तरीय मेले पर कोविड-19 के चलते रोक लगी हुई है। पंजाब व अन्य प्रदेशों के कुछ श्रद्धालु गोपाष्टमी के बाद से ही मेले में आना शुरू कर देते हैं। इस बार भी कुछ श्रद्धालु मेला पहुंचने लगे थे, जिनको रोकने के लिए कपालमोचन-साढौरा रोड, भवानीपुर मोड़, कपालमोचन-आदिबद्री रोड, अहड़वाला मोड़, कपालमोचन शहीद उधम सिंह चौक, चौराही मोड़ पर बेरिकेड लगाकर पुलिस ने नाकेबंदी कर दी है।
मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रशासन की कड़ी नजर है। प्रशासनिक अधिकारी दिन में चक्कर लगाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मेला प्रशासन की ओर से पंजाब व अन्य प्रदेशों के भागों से आने वाले श्रद्धालुओं के जिलाधीशों से संपर्क कर मेला स्थगन की सूचना भी दी जा रही है। डेरा व मंदिर संचालकों की ली मीटिंग| डीएसपी बिलासपुर आशीष कुमार ने अपने कार्यालय में गुरुवार को कपालमोचन के धर्मशाला, मंदिर, डेरा संचालकों व संत-महंतों की मीटिंग लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले पांच दिवसीय मेला स्थगित कर दिया गया है। इसके चलते मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही पर पूर्ण रूप से रोक है। उन्होंने संचालकों से प्रशासन के सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में श्रद्धालुओं को ठहरने की अनुमति नहीं दें। किसी भी तरह के लंगर व भंडारा लगाने पर भी पूर्ण रोक है इसलिए अपने परिसर में व आसपास कोई भंडारा आदि न लगने दें। इन पांच दिनों में हो सके तो अपने अपने संस्थान का मेन गेट बंद रखें। किसी भी हालत में भीड़ जमा न होने दें।
जहां-जहां आपका संपर्क है, वहां फोन के माध्यम से लोगों को मेला न लगने बारे सूचित करें। उन्होंने अपील की कि कपालमोचन मेला क्षेत्र में कहीं भी श्रद्धालुओं का वाहन या श्रद्धालु दिखाई दें तो तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचित करें। मीटिंग में जाट धर्मशाला प्रधान जगीर सिंह, डॉक्टर सुभाष मोदगिल, बाबा जंडदास, गुरुद्वारा मैनेजर नरेंद्र सिंह, बाबा घमंडी दास समेत अन्य संस्थान संचालकों ने भाग लिया।
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