
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेंटर फाॅर डॉ. अंबेडकर स्टडीज की ओर से 71वें संविधान दिवस पर डॉ. बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार किया गया। इसमें मुख्यातिथि केंद्रीय जलशक्ति, सामाजिक न्याय सशक्तिकरण राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया रहे। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस भारतवर्ष के लिए महान है जो हमें याद दिलाता है कि किस प्रकार हमारे देश के कर्णधारों ने मिलकर 26 नवंबर 1949 के भारत को ऐसा महान संविधान दिया। भारत का संविधान हमारे देश के लोकतंत्र का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिंतकों में से एक थे। डॉ. अंबेडकर अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, महान दार्शनिक, संविधान निर्माता, समर्पित विद्वान, उच्चकोटि के राजनेता, ओजस्वी लेखक एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री रहे। उन्होंने भारत में सामाजिक, आर्थिक चेतना लाने का प्रयास किया, जिसकी झलक भारतीय संविधान में दिखती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उड़ती हुई पतंग का कोई उद्देश्य नहीं होता, पता नहीं होता कि वो कब दिशाहीन हो जाए। इसी प्रकार दिशाहीन व्यक्ति समाज में अपना विशेष योगदान नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का लक्ष्य आधुनिक भारत का निर्माण करना था। कटारिया ने कहा कि उनको केवल दलितों का मसीहा कहना उनके साथ अन्याय होगा।
उन्होंने सभी वर्गों के उद्धार के लिए कार्य किया। राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत को पहली जल नीति डॉ. अंबेडकर ने दी थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 2024 तक प्रत्येक घर में नल से जल की व्यवस्था का संकल्प लिया है। कटारिया ने बताया कि दिल्ली राजपथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीआर अंबेडकर इंटरनेशनल स्टडीज सेंटर स्थापित किया गया है जहां मेधावी छात्र आकर शोध कर सकते हैं व उनके जीवन संबंधी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई दलित छात्र मेधावी हो और विदेश में पढ़ना चाहता है तो वह उस देश की यूनिवर्सिटी से अनुमति ले। उनका मंत्रालय 50लाख से 1 करोड़ 75 लाख रुपए की राशि उपलब्ध करवा रहा है।
संविधान से हुई न्यायपूर्ण समाज की स्थापना
बीपीएस महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि अगर किसी राष्ट्र को लिखित नियमों के आधार पर चलकर नियमित होना हो तो उसके लिए संविधान की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में उदारवादी, समाजवादी विचारों को भी जगह दी गई है। न्यायपूर्ण एवं समरसता पूर्ण समाज की स्थापना को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत के संविधान द्वारा साकार किया। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रो. प्रकाश सिंह ने कहा कि भारत के संविधान निर्माण की मुख्य जिम्मेदारी डॉ. भीमराव अंबेडकर को इसलिए दी गई थी क्योंकि तात्कालिक परिस्थितियों में ऐसा व्यक्तित्व केवल उन्हीं का था। उन्होंने श्रमिक कानून बनवाया और किसानों की बेहतरी के लिए भी प्रयास किए। उन्होंने बताया कि राइट टू एजुकेशन को शामिल करने की बात सबसे पहले डॉ. अंबेडकर ने की थी। केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबी उसका संविधान है। जिसपर एक मज़बूत एवं समृद्ध भारत की नींव पड़ी है। केंद्र की निदेशिका प्रो. निर्मला चौधरी, उपनिदेशक डॉ. गोपाल प्रसाद, सहायक निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह, डॉ. जयकिशन चंदेल, डॉ. अजय सोलखे और गंभीर सिंह चौहान मौजूद रहे ।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33iGVQY